राजस्थान सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों को अब पढ़नी होगी भागवत गीता
नई दिल्ली। राजस्थान सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए राजस्थान सरकार ने नया फरमान जारी किया है। राजस्थान पब्लिक सर्विस कमिशन ने इस बार 2018 के आरएएस में संशोधन किया है, जिसके बाद सामान्य ज्ञान के तहत भागवत गीता और महात्मा गाँधी के जीवन से जुड़ी शिक्षा का भी अध्ययन करना पड़ेगा। यह बदलाव मैनेजमेंट शिक्षा के तहत किया गया है, जिसमे सभी अभ्यर्थियों को इसे पढ़ना होगा। पाठ्यक्रम में तमाम राष्ट्रीय स्तर की शख्सियतों, समाज सुधारकों और प्रशासनिक अधिकारियों के जीवन के बारे में भी पढ़ना अनिवार्य किया गया है।
अध्याय 18 का अध्ययन करना होगा
आरएएस 2018 के संशोधित पाठ्यक्रम के अनुसार प्रशासन और प्रबंधन में भागवत गीता की भूमिका को सामान्य ज्ञान व सामान्य अध्ययन के पेपर 2 में शामिल किया गया है। इस पेपर में कुल तीन यूनिट हैं। इस यूनिट में प्रबंधन से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे, जोकि गीता के अध्याय 18 से होंगे, जिसमे भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से युद्धक्षेत्र में बात करते हैं। ऐसे में अभ्यर्थियों को इस अध्याय को विस्तार से पढ़ना होगा, जिससे कि इससे जुड़े सवालों का जवाब दे सके।
छात्रों को फैसले लेने में मिलेगी मदद
आरपीएससी में जूनियर प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि इसके पीछे का मकसद यह है कि छात्रों को प्रबंधन के गुण कैसे किताबों से सिखाया जाए। ऐसे में छात्र को इस बारे में पता होना चाहिए कि कैसे सभी पेपर में 100 फीसदी नंबर हासिल किए जाएं। यह शिक्षा प्रशासनिक फैसले लेने में काफी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम के आधार पर ही आरपीएसई के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। विश्वविद्यालय में रामायण, भागवत गीता, अर्थशास्त्र को प्रबंधन कॉलेज में पढ़ाया जाता है।
धार्मिक शक्सियत को भी पढ़ना पड़ सकता है
हालांकि अधिकारियों ने उन शख्सियतों के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है जो इस पाठ्यक्रम में शामिल होंगे, ना ही सामाजिक सुधारकों और प्रशासनिक अधिकारियों के नाम का अधिकारियों ने खुलासा किया है। सूत्रों की मानें तो भारतीय शख्सियतों में कुछ धार्मिक शक्सियत भी हो सकती हैं। इन सबके अलावा पाठ्यक्रम में बुद्धिमत्ता और स्ट्रेस मैनेजमेंट को भी शामिल किया गया है।