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आर्थिक तंगी झेल रहे मजदूर दे रहे श्रमिक ट्रेन का किराया, राज्य सरकारों ने की फ्री करने की मांग

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नई दिल्ली: तीसरे चरण का लॉकडाउन शुरू हो चुका है। इस सब के बीच लॉकडाउन में फंसे लोगों को रेलवे की श्रमिक स्पेशल ट्रेन से घर भेजा जा रहा है। इस दौरान उनसे सामान्य किराए के साथ ही रेलवे 50 रुपये का अतिरिक्त किराया भी वसूल रहा है। अभी ये किराया मजदूर ही वहन कर रहे हैं। जिसका कई राज्यों ने विरोध किया है। राज्य सरकारों के मुताबिक मजदूर पहले से आर्थिक तंगी झेल रहे हैं, ऐसे में उनसे किराना लेना उचित नहीं है। वहीं रेलवे के मुताबिक ट्रेन को फ्री करने से ज्यादा लोग जाएंगे, जिससे उनकी मॉनिटरिंग करनी मुश्किल हो जाएगी।

उद्धव ठाकरे ने केंद्र से की मांग

उद्धव ठाकरे ने केंद्र से की मांग

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केंद्र सरकार से श्रमिक स्पेशल ट्रेन को फ्री करने की मांग की है। सीएम उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि प्रवासी मजदूर कई दिनों के बाद अब अपने घरों को लौट सकते हैं। मौजूदा वक्त में उनकी वित्तीय स्थिति खराब हो गई है, इसलिए रेलवे को मानवीय आधार पर उनसे किराया नहीं लेना चाहिए। वहीं महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों से इकट्ठा किया गया किराया ही रेलवे को दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए और रेलवे को श्रमिकों से किराया नहीं लेने का आदेश देना चाहिए।

यात्रियों से लाभ नहीं कमा रहा रेलवे

यात्रियों से लाभ नहीं कमा रहा रेलवे

मामले में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा कि इस ट्रेन को फ्री नहीं किया जा सकता। अगर फ्री कर देंगे सभी यात्रा करने के लिए स्वतंत्र हो जाएंगे। ऐसे में उन लोगों की मॉनिटरिंग करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने साफ किया कि ये ट्रेन आम जनता के लिए नहीं है। सिर्फ विशेष परिस्थियों में फंसे लोगों के लिए है। उन्होंने कहा कि कोरोना को देखते हुए 1600 क्षमता वाली ट्रेन में सिर्फ 1200 लोग जा रहे हैं। यात्रियों को रेलवे खाना-पानी उपलब्ध करवा रहा है। उन्होंने अपने अधिकारियों को साफ निर्देश दिया है कि यात्री जितनी भी पानी की बोतल मांगें उन्हें उपलब्ध करवाई जाए। रेलवे की ओर से साबुन और सैनिटाइजर की भी व्यवस्थता की गई है। ऐसे में ये कहना गलत है कि इन ट्रेनों से रेलवे लाभ कमा रहा है।

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सभी को यात्रा की इजाजत नहीं

सभी को यात्रा की इजाजत नहीं

वहीं इससे पहले रविवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा था कि ये ट्रेन उन्हीं लोगों के लिए है, जो दूसरे राज्यों में फंसे हैं और उनका रोजगार छिन गया है, जैसे दिहाड़ी मजदूर। इस ट्रेन से उन्हें यात्रा करने की इजाजत बिल्कुल भी नहीं दी जाए जो दूसरे राज्यों में अभी भी नौकरी कर रहे हैं या किसी काम से कहीं जाना चाहते हैं। इससे पहले रेलवे ने श्रमिक स्पेशन ट्रेन को लेकर गाइडलाइन जारी की थी। जिसके मुताबिक श्रमिक स्टेशल ट्रेनों के संचालन के दौरान राज्य सरकार द्वारा दी गई संख्या के आधार पर ट्रेन टिकट की छपाई होगी। इसके बाद उसे स्थानीय अधिकारियों को दे दिया जाएगा। स्थानीय अधिकारी लोगों को टिकट बांटेंगे और उनसे किराया इकट्ठा करके रेलवे को देंगे।

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English summary
State governments demands central government to free shramik trains
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