EVM हैकिंग विवाद: मायावती-अखिलेश ने 2019 के चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग की
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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले अमेरिकी साइबर एक्सपर्ट द्वारा ईवीएम को लेकर किए गए खुलासे के बाद देश में सियासी घमासान मच गया है। उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल सपा और बसपा ने इस विवाद को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। मायावती ने कहा कि, इन आरोपों के बाद हम चुनाव आयोग से 2019 का चुनाव बैलेट पेपर पर कराने की मांग करते हैं। वही अखिलेश यादव ने कहा कि, यह एक राजनीतिक पार्टी का मुद्दा नहीं है, यह लोकतंत्र पर भरोसा का मुद्दा है।
मंगलवार को इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा कि, लोकतंत्र के हित को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे (ईवीएम) पर ध्यान दिया जाना चाहिए, जिससे कि इसका समाधान जल्दी हो। हम चुनाव आयोग से 2019 का चुनाव बैलेट पेपर पर कराने की मांग करते हैं। इससे पहले भी मायावती ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती रही हैं।
वहीं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि, अगर किसी ने सवाल उठाया है तो यह जरूर सोचा जाना चाहिए कि जापान जैसा विकसित देश ईवीएम क्यों इस्तेमाल नहीं करता है। यह एक राजनीतिक पार्टी का मुद्दा नहीं है, यह लोकतंत्र पर भरोसे का मुद्दा है। सरकार और चुनाव आयोग को इस पर निर्णय करना चाहिए। इससे पहले कई अन्य दलों के नेता भी ईवीएम को लेकर सवाल खड़े कर चुके हैं।
बता दें सोमवार को शाम में लंदन में एक हैकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि, 2014 के लोकसभा चुनावों में ईवीएम को हैक किया गया है। उसने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई गंभीर आरोप लगाए। ईवीएम हैकिंग पर सफाई देते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि, हमारे संज्ञान में आया है कि लंदन में एक इवेंट में दावा किया जा रहा है कि ईसीआई द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली EVM मशीनों में छेड़छाड़ की सकती है। ईसीआई इस मामले में कोई पार्टी नहीं बनना चाहती है। यह प्रायोजित चुनौती है और ईसीआई अपने दावे पर कायम है कि भारत में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता है।
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