सोनिया की 'डिनर डिप्लोमेसी' में शामिल हुए 20 दलों के दिग्गज, राहुल गांधी ने बढ़ाई दोस्ती
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यूपीए अध्यक्षा ने सौहार्द्र और मित्रता वाला भोज दिया है। सरकार जहां दीवारें खड़ी करेगी, तो हम सबसे मिलकर रहेंगे
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नई दिल्ली। सोनिया गांधी ने बीस पार्टियों के नेताओं को अपने आवास पर आयोजित डिनर में बुलाया था जिसमें सभी 20 दलों के नेता शामिल हुए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस डिनर के बाद ट्वीट किया कि इस डिनर में विपक्ष के नेताओं को आपस में मुलाकात का मौका मिला। उन्होंने कहा कि इस डिनर से इन नेताओं के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं। उन्होंने लिखा कि इस दौरान काफी राजनीतिक बातें हुईं, लेकिन इससे महत्वपूर्ण यहां सकारात्मक ऊर्जा, गर्मजोशी और सच्ची दोस्ती और लगाव देखने को मिला।
तेजस्वी यादव ने ये कहा
इस डिनर के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह एक दोस्ताना बैठक थी और इसमें देश के संविधान को बचाने के लिए चर्चा की गई। तेजस्वी ने कहा, 'केंद्र में इस समय तानाशाह सरकार है और हम इस सरकार को हटाना चाहते हैं। आज एनडीए का कोई भी सहयोगी खुश नहीं है। शिवसेना, टीडीपी, अकाली दल सभी नाराज हैं और यह बैठक तो बस एक शुरुआत है।' वहीं राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार घोषित करने पर तेजस्वी ने कहा आगे देखेंगे।
यूपीए अध्यक्षा ने सौहार्द्र और मित्रता वाला भोज दिया है
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यूपीए अध्यक्षा ने सौहार्द्र और मित्रता वाला भोज दिया है। सरकार जहां दीवारें खड़ी करेगी, तो हम सबसे मिलकर रहेंगे। सरकार संसद चला नहीं रही। किसान, गरीब, मज़दूर के मुद्दे पर चर्चा हो। सुरजेवाला ने कहा, 'कांग्रेस मानती रही है सरकार जहां दीवारें खड़ी करेगी, हम मित्रता और एक दूसरे के साथ चलने का रास्ता बनाएंगे। ये भोज राजनीति के लिए नहीं परंतु यह स्वाभाविक है कि जहां सरकार संसद को चलाने में रुचि नहीं ले रही, वहां जब विपक्ष के वो सारे नेता जो अपने अपने तरीके से देश के लोगों की समस्या को लेकर जागरूक भी हैं और चिंतित भी हैं जब वो मिलेंगे तो प्रदेश और देश की राजनीति पर चर्चा जरूर होगी।'
एक तीर से दो निशाना
इस डिनर डिप्लोमेसी के जरिये सोनिया एक तीर से दो निशाना साधना चाहती हैं। पहला तो यह कि विपक्षी नेताओं को डिनर पर बुलाकर वह ये साबित करना चाहती हैं कि मोदी के विकल्प के तौर पर बनने वाले गठजोड़ का नेतृत्व कांग्रेस के पास ही होगा। दूसरा यह कि तीसरे मोर्चे की अगुवाई की कोशिश को तवज्जो नहीं देतीं। हालांकि कांग्रेस मानती है कि मोदी के खिलाफ सबको एकजुट होना ही पड़ेगा और ये पूरे विपक्ष की ज़िम्मेदारी है।
डिनर में 20 पार्टियों के नेता हुए शामिल
1- समाजवादी पार्टी- रामगोपाल यादव
2- एनसीपी- शरद पवार
3- राजद- तेजस्वी यादव और मीसा भारती
4- नेशनल कॉन्फ्रेंस- उमर अबदुल्ला
5- झारखंड मुक्ति मोर्चा- हेमंत सोरेन
6- सीपीआई- डी राजा
7- रालोद- अजित सिंह
8- सीपीएम- मोहम्मद सलीम
9- डीएमके- कनिमोझी
10- बीएसपी- सतीश मिश्रा
11- जेवीएम- बाबूलाल मरांडी
12- आरएसपी- रामचंद्र
13- हिंदुस्तान अवाम मोर्चा- जीतन राम मांझी
14- जेडीएस- डॉ. के रेड्डी
15- एआईयूडीएफ- बदरुद्दीन अजमल
16- तृणमूल कांग्रेस- सुदीप बंदोपाध्याय
17- आईयूएमएल- कुट्टी
18- केरल कांग्रेस के जोश के मनी
19- हिंदुस्तान ट्राइबल पार्टी- शरद यादव
20- कांग्रेस के राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, मनमोहन सिंह, एके एंटनी, रणदीप सुरजेवाला, अहमद पटेल
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