सेना को है शक, किसी भेदिये के चलते गई है 18 जवानों की जान!
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले में 18 जवानों के शहीद होने के बाद अब सेना इस बात की छानबीन करने में जुट गई है कि आखिर पाकिस्तानी आतंकियों को हमारे जवानों की लोकेशन का पता कैसे चला? सेना इस बात की आशंकाओं पर विचार कर रही है कि इसके पीछे कोई भेदिया तो नहीं है। उन्हें शक है कि किसी ऐसे व्यक्ति ने उन आतंकियों की मदद की है, जिसे 12 इंफैन्ट्री ब्रिज मुख्यालय और सेना की टुकड़ी की स्थिति सही से पता थी।
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सूत्रों के अनुसार, आतंकियों को ब्रिगेड कमांडर के ऑफिस और निवास स्थान के बारे में पहले से ही सब कुछ पता था। यह छानबीन एलओसी के पास स्थित सुखदार से होकर आए रास्ते पर केन्द्रित है, जिसे आतंकियों द्वारा उरी में घुसने के लिए इस्तेमाल किए जाने का शक है।
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सुखदार ब्रिगेड मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर दूर है, जिसकी आबादी मुश्किल से 500 लोगों की होगी। एलओसी और सुखदार गांव के बीच में स्थित जंगल से इन आतंकियों को उरी में घुसने में मदद मिलने का शक जताया जा रहा है।
कड़ी सुरक्षा होती है ब्रिगेड मुख्यालय की
सूत्रों का ये भी मानना है कि आतंकियों द्वारा इस तरह का खतरनाक हमला बिना किसी ऐसे शख्स के मुमकिन नहीं लगता, जिसे सेना की स्थिति के बारे में अच्छे से पता न हो। आतंकियों ने पहले एलओसी के घेरे में घुसपैठ की और फिर ब्रिगेड मुख्यालय के मुख्य घेरे को भी तोड़ दिया। इस तरह आतंकी हमारी आर्मी और बीएसएफ के सभी चेकपोस्ट के बच कर निकल गए।
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ब्रिगेड मुख्यालय में घुसपैठ करना आसान नहीं होता, क्योंकि इसके बार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद रहती है। सिर्फ वही शख्स आसानी से अंदर घुस सकता है, जिसे वहां के बारे में पूरी जानकारी हो। सूत्रों का ये भी कहना है इसके लिए सेना के कुछ लोगों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए भी छानबीन की जा सकती है। इस बात की आशंका है कि किसी अंदर के व्यक्ति ने आतंकियों को मदद मुहैया कराई हो।
पास की दुकान वाले को भी नहीं पता कुछ
ब्रिगेड मुख्यालय के पास में ही एक दुकान चलाने वाले एजाज अहमद कहते हैं कि बिना किसी अंदर वाले की मदद के ऐसा खतरनाक हमला करना नामुमकिन है। वे बोले कि हम ब्रिगेड मुख्यालय के नजदीक इतने दिनों से हैं, लेकिन हमें भी ब्रिगेड मुख्यालय के बारे में कुछ नहीं पता। ऐसे में ये कैसे हो सकता है कि सीमा पार से कोई आए और उसे ब्रिगेड मुख्यालय की सारी जानकारी मिल जाए?
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इसे लेकर ब्रिगेड मुख्यालय में काम करने वाले कुलियों से भी पूछताछ की जा सकती है। दो दिन तक बंद रहने के बाद मंगलवार को उरी का मुख्य बाजार और दुकानें खुल गई हैं।