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कोरोना के बीच लद्दाख पर नई आफत, 4 हफ्ते में गई 170 मवेशियों की जान, दहशत में पूरा गांव

देश में फैली कोरोना वायरस की महामारी के बीच लद्दाख के लेह जिले में लोग इन दिनों एक नई आफत से जूझ रहे हैं...

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नई दिल्ली। देश में फैली कोरोना वायरस की महामारी के बीच केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह जिले में लोग इन दिनों एक नई आफत से जूझ रहे हैं। दरअसल लेह में एक हिम तेंदुए ने इन दिनों आतंक मचाया हुआ है। बुधवार को लेह के एक दूरवर्ती गांव में इस हिम तेंदुए ने 37 भेड़ और पश्मीना बकरियों पर हमला कर उन्हें मार डाला। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले चार हफ्तों के दौरान ये हिम तेंदुआ अभी तक 170 मवेशियों की जान ले चुका है।

रात के अंधेरे में गांव में घुसा हिम तेंदुआ

रात के अंधेरे में गांव में घुसा हिम तेंदुआ

वन अधिकारियों ने बताया कि बीते 19-20 अप्रैल की रात को एक हिम तेंदुआ पास के जंगल से भटकते हुए योर्गो गांव में घुस आया था। गांव में आने के बाद हिम तेंदुआ पशुओं के एक बाड़े में घुसा और मवेशियों पर हमला बोल दिया। हिम तेंदुए के गांव में घुसने की खबर जैसे ही वन विभाग के पास पहुंची तो इसे पकड़ने के लिए एक वन्यजीव टीम गांव के लिए रवाना हो गई। वन विभाग का कहना है कि हिम तेंदुए को पकड़ने के कुछ दिनों बाद उसे जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया जाएगा।

एक महीने के भीतर जंगली जानवरों का चौथा हमला

एक महीने के भीतर जंगली जानवरों का चौथा हमला

गौरतलब है कि इस जिले में पिछले एक महीने के भीतर जंगली जानवरों का यह चौथा हमला है। जंगली जानवर अभी तक 150 से भी ज्यादा मवेशियों की जान ले चुके हैं। इससे पहले 30 मार्च का एक भेड़िए ने इसी गांव में हमला कर 52 पश्मीना बकरियों का अपना शिकार बनाया था। जबकि, दो दिन पहले यानी 28 मार्च को ही एक हिम तेंदुए ने रोंजुक खारदोंग गांव में हमला कर 39 भेड़ों को मार डाला था।

वन बिलाव भी गांव वालों के लिए खतरा

वन बिलाव भी गांव वालों के लिए खतरा

इसी दौरान एक वन बिलाव ने भी खेरापुल्ला करग्याम गांव में हमला किया और 42 भेडो़ं की जान ले ली। आपको बता दें कि लद्दाख में मिलने वाला वन बिलाव मध्यम आकार की जंगली बिल्लियों में से एक है, जो हिमालय की ऊंची और बर्फ से ढकी पहाड़ियों पर पाया जाता है। ये वन बिलाव रात के समय गांवों में घुसकर मवेशियों का अपना शिकार बना लेते हैं। वन विभाग का कहना है कि वो जल्द ही ऐसी व्यवस्था करेंगे, जिससे जंगली जानवरों को गांव में घुसने से रोका जा सके।

पशुओं का मारा जाना किसी आफत से कम नहीं

पशुओं का मारा जाना किसी आफत से कम नहीं

वन विभाग के कार्यकारी अधिकारी कोंचोक स्टैनजिन ने बताया कि इस गांव में खानाबदोश परिवार रहते हैं और पशुपालन ही उनके जीवन का आधार है। ऐसे में बडी़ संख्या में पशुओं का मारा जाना, इन परिवारों के लिए किसी आफत से कम नहीं है। कोंचोक स्टैनजिन ने वन्यजीव वार्डन को निर्देश दिए हैं कि वो हिम तेंदुए के हमले के कारण पशुधन के नुकसान का आंकलन कर गांव वालों को समय से मुआवजा दें और इसके साथ ही बचे हुए पशुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें। इसके अलावा कोंचोक स्टैनजिन ने संबंधित विभाग को यह भी निर्देश दिए हैं कि गांव के पीड़ित परिवारों को भेड़ और बकरी की एक इकाई उपलब्ध कराएं।

अपने से तीन गुना वजनी शिकार को लेकर पेड़ पर चढ़ा तेंदुआ

अपने से तीन गुना वजनी शिकार को लेकर पेड़ पर चढ़ा तेंदुआ

इससे पहले हाल ही में एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एक तेंदुआ अपने से तीन गुना ज्यादा वजन के शिकार को अपने जबड़े में फंसाकर पेड़ के ऊपर चढ़ जाता है। वीडियो में नजर आ रहा था कि एक तेंदुआ एक हिरण का शिकार करके उसे एक पेड़ के पास लेकर आता है। कुछ देर इधर उधर देखने के बाद तेंदुआ इस हिरण को अपने जबड़ों में दबाता है और सीधे खडे़ पेड़ के ऊपर चढ़ जाता है। हिरण तेंदुए से काफी भारी था, इसके बावजूद तेंदुआ उसे पेड़ पर लेकर आसानी से चढ़ता हुआ नजर आ रहा है। इसके बाद पेड़ के तनों के बीच में बैठकर तेंदुआ अपने शिकार को खाना शुरू करता है।

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English summary
Snow Leopard Kills 170 Cattle In Leh Of Ladakh
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