श्रद्धा मर्डर केस: क्राइम सीन देखकर चौंक गई फ़ोरेंसिक टीम
फ़ोरेंसिक टीम ने कमरे का निरीक्षण करने के बाद कहा है कि ऐसा क्राइम सीन कम ही देखने को मिलता है. पढ़िए ये और अन्य ख़बरें आज के अख़बारों की अहम सुर्ख़ियों में -
दिल्ली के श्रद्धा वालकर हत्याकांड में दिल्ली पुलिस ने अब तक ऐसे अकाट्य सबूत हासिल करने की सूचना नहीं दी है जिनके आधार पर अदालत में आफ़ताब का अपराध साबित किया जा सके.
इनमें मर्डर वेपन से लेकर मृतका के कपड़े और सीसीटीवी फुटेज़ आदि शामिल हैं.
ऐसे में दिल्ली पुलिस लगातार इस मामले को अलग – अलग तरह से उलट-पुलट कर देख रही है ताकि उसे आफ़ताब के कथित कबूलनामे से इतर कुछ मिल सके.
इसी दिशा में दिल्ली पुलिस की फ़ोरेंसिक टीम आफ़ताब के फ़्लैट पर पहुंची थी. लेकिन फॉरेंसिक टीम कथित क्राइम सीन पर सबूतों की सफ़ाई देखकर दंग रह गयी है.
अंग्रेजी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, आफ़ताब ने दावा था कि उसने क्राइम सीन की सफाई के लिए इंटरनेट और बाज़ार से कैमिकल ख़रीदे थे.
एफ़एसएल टीम ने बताया है कि 'हमें किचन में कुछ दाग मिले हैं लेकिन हम जांच के बाद ही इनके बारे में कुछ कह पाएंगे. ये अपराध छह महीने पहले किया गया था. और आफ़ताब ने जिस तरह सबूत मिटाए हैं, उसके बाद ये हमारे लिए एक मुश्किल काम बन गया है.’
एफ़एसएल टीम ने अख़बार को ये भी बताया है कि 'हमने कई क्राइम सीन (वो जगह जहां अपराध होता है) देखे हैं लेकिन अब तक ऐसा क्राइम सीन नहीं देखा है जिसे इस तरह साफ़ किया गया हो. उसने सबूत मिटाने के लिए कैमिकल का इस्तेमाल किया और ये सुनिश्चित किया कि कोई दाग बाकी न रह जाए. अभियुक्त ने इस दिशा में इंटरनेट से या किताबें पढ़कर जानकारी जुटाने की कोशिश की होगी.”
टीवी चैनलों पर इस मामले में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं जिनमें मृतका का चेहरा जलाए जाने की बात भी शामिल है.
लेकिन टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए फ़ोरेंसिक टीम के अधिकारी ने कहा है कि 'अब तक शरीर के किसी भी अंग को जलाने के सबूत नहीं मिले हैं. उसने (आफ़ताब) कहा कि उसने लड़की को बेड पर मारा और फिर उसके शव को बाथरूम में ले जाकर कई टुकड़ों में काट दिया.’
एफ़एसएल की टीम इस मामले में अब तक मिली 13 हड्डियों की जांच कर रही है जिन्हें श्रद्धा वालकर के शव के टुकड़े बताया जा रहा है.
इस पर फ़ोरेंसिक टीम के अधिकारी ने कहा है कि प्रथम दृष्टया ये इंसान की हड्डियां हैं लेकिन विस्तृत जांच जारी है.
इस अधिकारी ने कहा है, “ये अपराध छह महीने पहले हुआ था और सिर्फ़ डीएनए मिलान ही एक रास्ता है जिससे ये साबित किया जा सके कि जिसकी हत्या हुई वो श्रद्धा वालकर थी और उसके क्राइम सीन पर होने के संकेत मिल सकें.”
इसकी वजह बताते हुए फ़ोरेंसिक अधिकारी ने कहा कि 'इंसानी शरीर में हड्डियों को छोड़कर हर चीज को आसानी से ख़त्म किया जा सकता है, और डीएनए जांच का प्राथमिक स्रोत वही होती हैं.’
अमेज़ॉन, ट्विटर में नौकरियां गयीं, भारत में काम की तलाश शुरू
पिछले कुछ दिनों में अमेज़ॉन, फेसबुक और ट्विटर जैसी बड़ी कंपनियों में लगातार होती छंटनी की वजह से अमेरिका में रहने वाले भारतीय सॉफ़्टवेयर पेशेवरों के लिए दिक्कतें खड़ी हो गयी हैं.
इकॉनोमिक टाइम्स में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, बड़ी टेक कंपनियों में छंटनी का दौर शुरू होने के बाद भारतीय टेक पेशेवरों ने भारत में अवसर तलाशने शुरू कर दिए हैं.
करियर को लेकर किए जा रहे इस तरह के फ़ैसलों के लिए अमेरिकी वीज़ा नियम भी ज़िम्मेदार हैं.
अमेरिका में एच 1-बी वीज़ा धारकों को नौकरी जाने के बाद साठ दिनों के अंदर नई नौकरी पकड़नी होती है जहां उनका नियोक्ता उन्हें स्पॉन्सरशिप देकर ज़रूरी दस्तावेज़ दाखिल करे.
ऐसा न होने पर संबंधित शख़्स को उसके देश वापस भेजा जा सकता है.
अख़बार से बात करते हुए एक शख़्स ने कहा है कि इस बाज़ार में इतने कम समय में ये काफ़ी मुश्किल लग रहा है.
अख़बार से बात करते हुए कुछ नौकरी देने वाली संस्थाओं ने बताया है कि पिछले कुछ हफ़्तों में उनके पास आने वाले आवेदनों की संख्या बढ़ी है.
ऐसी ही एक एजेंसी अंतल इंडिया के एमडी जोसेफ़ देवासिया ने अख़बार से कहा है कि उनके पास लगभग आठ से दस ऐसे भारतीय आए हैं जो पहले ट्विटर, सेल्सफोर्स, अमेज़ॉन, लिफ़्ट और स्ट्राइप समेत अन्य कंपनियों में काम कर रहे थे. और अब यहां पर कोई स्थाई समाधान तलाशना चाहते हैं.
आज़म ख़ान को बड़ा झटका, वोट देने का अधिकार भी छिना
बीजेपी नेता आकाश सक्सेना की शिकायत के बाद सपा नेता आज़म ख़ान का वोट देने का अधिकार भी छीन लिया गया है.
आकाश सक्सेना रामपुर उप-चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार हैं. उन्होंने इससे पहले हुए चुनाव में भी प्रयास किया था लेकिन सफ़लता नहीं मिली.
नवभारत टाइम्स में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, आकाश सक्सेना ने आज़म ख़ान के मतदान अधिकार को समाप्त करने के लिए एसडीएम सदर और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी रामपुर विधानसभा क्षेत्र से शिकायत की थी.
उन्होंने लिखा था कि आज़म ख़ान सज़ायाफ़्ता हैं और चुनाव अयोग के आरपीसी एक्ट की धारा-16 के तहत एक अपराधी को वोट देने के अधिकार से वंचित किया गया है. ऐसे में आज़म ख़ान का नाम भी मतदाता सूची से काटा जाए ताकि नियमों और कानून का पालन हो सके.
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