'दिल्ली एम्स में इलाज के लिए मदद चाहिए', शूटर दादी प्रकाशी तोमर ने बहू के लिए लगाई सोशल मीडिया पर गुहार
नई दिल्ली, 16 जून: महिलाओं की प्रेरणास्रोत शूटर दादी के नाम से दिल्ली, हरियाणा और यूपी सहित पूरे देश में प्रसिद्ध प्रकाशी तोमर को कौन नहीं जानता। यूपी के बागपत की रहने वालीं प्रकाशी तोमर ने सोशल मीडिया के जरिए मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने अपनी बहू को एम्स में भर्ती करवाने के लिए ट्विटर पर लोगों से मदद मांगी है।
शूटर दादी ने लगाई मदद की गुहार
शूटर दादी प्रकाशी तोमर ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में मदद की अपील करते लिखा कि बहू को ब्रेन हेमरेज का अटैक आया है। हालत काफी नाजुक है। जल्द से जल्द दिल्ली एम्स में इलाज के लिए मदद चाहिए। कृप्या मदद करे।
योगी-मोदी सरकार से लगाई गुहार
प्रकाशी तोमर ने इस पोस्ट के जरिए प्रदेश की योगी सरकार के साथ-साथ केंद्र की मोदी सरकार से भी मदद की अपील की है। उन्होंने सरकार के अलावा बागपत सांसद सत्य पाल सिंह, पीयूष गोयल, आनंद महिंद्रा और सुरेश रैना को भी टैग किया है। जानकारी के मुताबिक दादी चाहती है कि उनकी बहू कौशल (57) को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती करवाकर बेहतर इलाज मिले।
ब्रेन हेमरेज के बाद से बेहोश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रकाशी तोमर की बहू कौशल को मंगलवार रात को ब्रेन हेमरेज होने के बाद वो तब से बेहोश हैं। बताया जा रहा है कि उनका मेरठ के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। मंगलवार से बेहोश बहू कौशल के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा है। ऐसे में बेहतर इलाज के लिए उन्होंने मदद की गुहार लगाई है।
बागपत की रहने वाली प्रकाशी तोमर
आपको बता दें कि चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर दोनों बुजुर्ग महिलाएं शूटर दादी के नाम से काफी फेमस हैं। इसी साल अप्रैल में कोरोना की चपेट में आकर दादी चंद्रो तोमर का निधन हो गया था। दोनों रिश्ते में जेठानी और देवरानी लगती थीं। प्रकाशी तोमर 1 जनवरी, 1937 को यूपी के मुजफ्फरनगर में जन्मीं हैं, जिनकी शादी बागपत के गांव जोहरी में जय सिंह तोमर से हुई थी। प्रकाशी तोमर की दो बेटियां हैं।
शूटर दादी के संघर्ष पर बनी 'सांड की आंख' फिल्म
शूटर दादी उस वक्त अचानक सुर्खियों में आ गई थी, जब 65 साल उम्र में उन्होंने दिल्ली में निशानेबाजी के मुकाबले में शूटर दादी ने दिल्ली के डीआईजी को ही शूटिंग में हराकर गोल्ड जीता था। मालूम हो कि फिल्म 'सांड की आंख' चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर पर ही बनी है।