मध्य प्रदेश उपचुनाव में 28 सीटों पर शिवसेना लड़ेगी चुनाव, भाजपा को देगी टक्कर
मध्य प्रदेश उपचुनाव में 28 सीटों पर शिवसेना लड़ेगी चुनाव, भाजपा को देगी टक्कर
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश उपचुनाव 2020 (Madhya Pradesh by-election 2020) नवंबर माह में होने वाले हैं। इस उपचुनाव में पुराने दो सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी, क्योंकि शिवसेना पूरी 28 सीटों पर उपचुनाव लड़ने की घोषणा की है।
बुधवार को पार्टी के शिवसेना राज्य प्रमुख थदेश्वर महावर द्वारा ये ऐलान किया गया। उन्होंने 16 अक्टूबर को उप-चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से पहले ये घोषणा की है। उन्होंने भाजपा पर शिवसेना पार्टी उम्मीदवारों को धमकी देने का आरोप लगाया। उन्होंने शिवसेना की आधिकारिक सूची में देरी के लिए 'बीजेपी के बाहुबलियों' को दोषी ठहराया। इसके साथ ही महावर ने सात सीटों के लिए नामांकन की घोषणा की जिनमें ग्वालियर, सांची, बियोरा, हाट पिपलिया, मानधाता, आगर और सुवासरा है। उन्होंने कहा कि पूरी सूची को गुरुवार यानी आज जारी की जाएगी।
केंद्रीय
नेतृत्व
भी
उपचुनाव
के
लिए
प्रचार
में
हिस्सा
लेगा
महावर
ने
कहा
पार्टी
की
औपचारिकताओं
को
पूरा
करने
वाले
उम्मीदवारों
को
उपचुनावों
में
उतारा
जाएगा।
उन्होंने
कहा
कि
जिला
पदाधिकारियों
को
चुनावों
के
लिए
निर्वाचन
क्षेत्रों
में
जिम्मेदारी
सौंपी
गई
है
और
केंद्रीय
नेतृत्व
भी
उपचुनाव
के
लिए
प्रचार
में
हिस्सा
लेगा।
जबलपुर
निवासी
और
महाराष्ट्र
के
मुख्यमंत्री
उद्धव
ठाकरे
के
परिवार
के
करीबी
माने
जाने
वाले
महावर
ने
बुधवार
को
भोपाल
में
मध्य
प्रदेश
कांग्रेस
कमेटी
(एमपीसीसी)
के
प्रमुख
और
पूर्व
मुख्यमंत्री
कमलनाथ
के
साथ
एक
विशेष
मुलाकात
की।
हालांकि
पार्टी
पदाधिकारियों
ने
रिपोर्टों
की
पुष्टि
नहीं
की।
मालूम
हो
कि
पिछले
दिनों
शिवसेना
के
उम्मीदवारों
ने
मध्य
प्रदेश
में
विधानसभा
और
लोकसभा
दोनों
चुनावों
में
अपनी
किस्मत
आजमाई
थी,
लेकिन
पार्टी
कभी
भी
चुनाव
में
अपना
स्थान
नहीं
बना
सकी।
भाजपा
को
सत्ता
में
बने
रहने
के
लिए
कम
से
कम
10
सीट
जीतना
है
जरुरी
गौरतलब
है
कि
मध्य
प्रदेश
में
28
विधान
सभा
सीटों
पर
उप
चुनाव
कोई
छोटा-मोटा
उपचुनाव
नहीं
है
बल्कि
यह
विधान
सभा
में
सरकार
की
तकदीर
का
फैसला
भी
करेगा।
भाजपा
के
सत्ता
में
बने
रहने
के
लिए
कम
से
कम
10
सीट
उपचुनाव
में
जीतनी
बहुत
जरुरी
है।
230
सदस्यीय
विधान
सभा
में
सरकार
बचाए
रखने
के
लिए
भाजपा
को
चाहिए
10
सीट
जबकि
सत्ता
में
वापसी
के
लिए
काँग्रेस
को
28
में
से
27
विधान
सभा
सीटी
जीतनी
होगी।
सिधिंया के लिए ये उपचुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं
वास्तव में, यह पूर्व कांग्रेस नेता और अब भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए भी पहली अग्नि परीक्षा होगी जिन्होनें इसी वर्ष मार्च के महीने में कमलनाथ की कांग्रेस सरकार को गिराकर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाई थी। भारतीय निर्वाचन आयोग की घोषणा के अनुसार राज्य के सभी 28 सीटों पर मतदान 3 नवंबर 2020 को और मतगणना 10 नवंबर 2020 को होगी।
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