इंद्राणी मुखर्जी का दावा- 24 अप्रैल को नहीं हुआ शीना बोरा का मर्डर, 6 महीने बाद भी जिंदा थी
नई दिल्ली। शीना बोरा हत्याकांड में जेल में इंद्राणी मुखर्जी ने कहा है कि जिस तारीख में शीना के मर्डर होने का दावा किया जा रहा है, वो गलत है। मुखर्जी ने कोर्ट में कहा कि 24 अप्रैल 2012 को शीना के मर्डर होने की बात गलत है, इसके छह महीने बाद तक वो जिंदा थी और अपने मंगेतर से मिलती थी। इंद्राणी ने कोर्ट में शीना के कुछ मैसेज भी पढ़े, जो उसने 24 अप्रैल 2012 के बाद के बताए हैं।
शीना की हत्यारोपी इंद्राणी ने अपनी जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान स्पेशल सीबीआई कोर्ट के सामने ये दावा किया है। इंद्राणी की जमानत अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान इंद्राणी ने शीना के मर्डर की बात को ही गलत कहा। इंद्राणी ने कहा कि वो बेकसूर है क्योंकि 24 अप्रैल 2012 को शीना का मर्डर हुआ ही नहीं, जिसके लिए उनको गिरफ्तार किया गया है। इस तारीख के छह महीने बाद तक तो शीना अपने मंगेतर राहुल मुखर्जी के साथ थी।
राहुल के कॉल डेटा रेकॉर्ड का हवाला देते हुए इंद्राणी ने कोर्ट को बताया कि दोनों के बीच 26, 27 और 28 सितंबर को टेक्स्ट मैसेज हुए। इंद्राणी ने कोर्ट के सामने 27 सितंबर 2012 को दोनों के नंबर पर भेजे गए मेसेज पढ़े।
इंद्राणी ने कोर्ट में कहा कि उसे साजिश के तहत फंसाया गया है। इंद्राणी ने दलील दी कि अप्रैल 2012 में शीना के कथित मर्डर के बाद अगस्त 2015 में मेरी गिरफ्तारी हुई। इस दौरान मैंने 19 बार भारत के बाहर यात्राएं की। अगर मैंने मर्डर किया होता तो मैं विदेश जाकर वापस क्यों आती? इंद्राणी ने ये भी कहा कि अगस्त 2015 में उसकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद, पीटर मुखर्जी ने अपने बेटों राहुल और रबिन के अकाउंट में 6 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे।
शीना बोरा मर्डर में अन्य आरोपी पीटर मुखर्जी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने 6 फरवरी को जमानत दे दी थी। कोर्ट ने कहा था कि पीटर के खिलाफ अपराध में शामिल होने के ठोस सबूत नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने सीबीआई के आग्रह पर अपने आदेश पर छह हफ्ते की रोक लगाई। इस दौरान जांच एजेंसी फैसले के खिलाफ अपील दायर कर सकती है। जमानत के बावजूद फिलहाल पीटर जेल में ही है।