तो इसलिए आजकल मंदिर दर्शन कर रहे हैं राहुल गांधी, शशि थरूर ने किया खुलासा
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नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के धर्म, जाति, गोत्र को लेकर लगातार भाजपा हमले कर रही है, उनका मंदिर जाना, खुद को ब्राह्मण कहना या शिव भक्त बताना भी भाजपा को अवसरवादी राजनीति का हिस्सा लगता है और इसी वजह से उन पर लगातार वो निशाना साध रही है लेकिन अब इस गंभीर मसले पर बयान दिया है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने, जिन्होंने टेंपल रन और राहुल के जनेऊधारी होने पर कहा कि हम और हमारी पार्टी को हमेशा ऐसा लगता रहा कि हर किसी की आस्था एक निजी सोच, विचार और भरोसे की मानक है, जिसे किसी दिखावे की जरूरत नहीं है।
कांग्रेस हमेशा अपनी आस्था को फॉलो करती आई है: शशि थरूर
कांग्रेस हमेशा अपनी आस्था को फॉलो करती आई है लेकिन उसे कभी उसने सार्वजनिक नहीं किया क्योंकि ये पार्टी नेहरू के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत वाली पार्टी है जिसकी जड़े स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के विवेक का भाजपा ने इस्तेमाल किया और उसे सच्चे हिंदू और नास्तिक धर्मनिरपेक्ष की लड़ाई में बदल दिया, जिसके बाद ये जरूरी हो गया कि जो हम कर रहे हैं वो सामने भी आए।
'स्वार्थी अवसरवादी के तौर पर राहुल गांधी को देखना गलत'
शशि थरूर से जब सवाल किया गया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों कई मंदिरों में दर्शन करते हुए दिख जाते हैं, ऐसा चुनावों के ही वक्त क्यों होता है, जिस पर कहा कि इसे स्वार्थी अवसरवादी के तौर पर देखना गलत है।
राहुल गांधी को पता है कि वो कब और क्या कर रहे हैं?
राहुल गांधी को पता है कि वो कब और क्या कर रहे हैं, उन्होंने हिंदूत्व, बौद्ध विपासना और हिंदू विपासना के बारे में बखूबी जानते हैं, इसलिए उनकी भक्ति पर सवाल उठाकर लोग खुद से परिहास कर रहे हैं।
राहुल गांधी के एक विचारशील आध्यात्मिक व्यक्ति हैं
और तो और शशि थरूर ने एक खास बात भी राहुल गांधी के बारे में कही, उन्होंने कहा कि राहुल के मंदिर दर्शनों की तस्वीरें खींचे जाने से पहले मेरी उनसे धर्म और आध्यात्म पर बातचीत हुई है। वह बहुत विचारशील, धर्म और अध्यात्म के मसले पर सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले भारतीय राजनेता हैं। उनकी शिव केंद्रित संस्कृति और विष्णु केंद्रित संस्कृति को लेकर अवधारणा आपको हैरान कर देगी, उन्होंने कहा कि लोगों को इस बात का एहसास ही नहीं है कि उनके पास इतना विचारशील आध्यात्मिक व्यक्ति है, जिसे धर्म का अर्थ बखूबी पता है।