शशि थरूर का मोदी सरकार पर हमला, संविधान का उल्लंघन कर ट्रिपल तलाक का बिल लाई सरकार
नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विरोध के बीच सोमवार को लोकसभा में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2018 पेश किया। इसे तीन तलाक विधेयक के तौर पर भी जाना जाता है। सदन में विपक्षी पार्टियों ने जमकर हंगामा किया। हंगामा करने वालों में कांग्रेस, एआईएडीएमके व तेदेपा के सदस्य शामिल थे। ये सदस्य विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि एक खास धर्म को ध्यान में रखकर यह विधेयक लाया गया जो संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है।
सदन में विधेयक पेश करने का विरोध करते हुए कांग्रेस के शशि थरूर ने कहा कि तलाक को दंडनीय अपराध नहीं बनाया जा सकता है। यह वर्ग विशेष को ध्यान में रखकर लााया गया विधेयक है। इसमें इस मुद्दे से जुड़े वृहद आयाम को नजरंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुरूप नहीं है और संसद ऐसे विधान को नहीं बना सकता है।
थरूर ने कहा कि, इसे धर्म के आधार पर किया जा रहा है। अगर महिलाओं के खिलाफ भेदभाव हो रहे हैं, तो आपको इसे सभी महिलाओं के लिए पारित करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तालक को अवैध घोषित किया। इसलिए इसकी जरूरत नहीं है, यह राजनीतिक खेल है।
वहीं विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, तीन तलाक की कुरीति से मुस्लिम महिलाओं को संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से यह विधेयक लाया गया है। इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद भी धड़ल्ले से तीन तलाक दिया जा रहा था। इसके कारण मुस्लिम महिलाएं काफी परेशान थी। यह विधेयक देश के हित में है और पूरी तरत से संवैधानिक है। इसमें दंडात्मक प्रावधान है, साथ ही अन्य तरह के सुधार भी किए गए हैं।
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