संसद में पीएम मोदी के भावुक भाषण पर शशि थरूर का तंज, कहा- 'कलात्मक प्रस्तुति' थी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के कार्यकाल के पूरा होने से पहले उनके विदाई को लेकर भावुक बातें कहीं उसे कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कलात्मक रूप से तैयार किया गया प्रदर्शन करार दिया है। बता दें कि मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी राज्यसभा में उस वक्त भावुक हो गए जब वह काग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के साथ अपने अनुभव को साझा कर रहे थे। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की किताब के बारे में चर्चा के दौरान शशि थरूर ने पीएम मोदी के भावुक भाषण को कलात्मक रूप से तैयार किया हुआ प्रदर्शन बताया।
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शशि थरूर ने कहा कि जिस तरह से राकेश टिकैत भावुक हुए थे उसी के जवाब में प्रधानमंत्री ने यह बताया कि उनके पास भी आंसू हैं। शशि थरूर ने राकेश टिकैत का जिक्र इसलिए किया क्योंकि जब 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हुई उसके बाद प्रशासन ने किसान आंदोलन के खिलाफ सख्त रूख अख्तियार किया था, जिसके बाद राकेश टिकैट अपनी बात कहते हुए रो पड़े थे। राकेश टिकैट के रोने के बड़ी संख्या में किसान एक बार फिर से उनके समर्थन में खड़े हो गए और कृषि कानूनों की वापसी की मांग करने लगे।
बता दें कि गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा में 6 वर्ष का कार्यकाल बतौर सांसद पूरा हो रहा है। ऐसे में उनकी विदाई से पहले पीएम मोदी ने उनके साथ के अपने अनुभव साझा किए। पीएम मोदी ने उस वक्त को याद किया जब गुलाम नबी आजाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे और नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। जम्मू कश्मीर में जब गुजरात के तीर्थयात्रियों पर आतंकी हमला हुआ था उस घटना को याद करते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि उस आतंकी हमले के बाद गुलाम नबी आजाद पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इस घटना के बारे में जानकारी देने के लिए मुझे फोन किया था। पीएम ने कहा कि जब गुलाम नबी आजाद जी ने मुझे इस घटना की जानकारी देने के लिए फोन किया तो वो रो पड़े थे।