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Arun Jaitley: एक ऐसा नेता जो कभी चुनाव नहीं जीता फिर भी प्रधानमंत्रियों का सबसे करीबी रहा

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नई दिल्ली। आज देश के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता अरुण जेटली का निधन हो गया है, उन्होंने दिल्ली के एम्स में दोपहर 12.07 बजे अंतिम सांस ली है, वह 66 वर्ष के थे, बता दें कि जेटली 9 अगस्त से ही एम्स में भर्ती थे, उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के कारण एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां आज उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

एक भी चुनाव नहीं जीता आज जेटली ने

एक भी चुनाव नहीं जीता आज जेटली ने

मालूम हो कि देश के लोकप्रिय नेताओं में शामिल अरूण जेटली मोदी सरकार वन में देश के वित्त मंत्री थे, आपको बता दें कि 16वीं लोकसभा बनने के बाद अरुण जेटली को रक्षा मंत्रालय का भी कार्यभार अस्थायी रूप से सौंपा गया था। जेटली 2014 में अमृतसर से लोकसभा चुनाव हार गए थे, इसके बावजूद उनकी योग्यता को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा दिया था इसलिए जेटली को हमेशा कहा जाता था कि चुनाव जीते या ना जीते ये हमेशा कैबिनेट में रहते हैं, बाजपेयी से लेकर मोदी तक वो सबके करीबी रहे।

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वो चार बार राज्यसभा सांसद बने थे

वो चार बार राज्यसभा सांसद बने थे

गौरतलब है कि अरुण जेटली ने 1980 से बीजेपी में सक्रिय होने के बावजूद सन 2014 तक कभी कोई सीधा चुनाव नहीं लड़ा, सन 2014 के आम चुनाव में वे अमृतसर लोकसभा सीट पर लड़े लेकिन उन्हें हार नसीब हुई, वे पहले गुजरात से राज्यसभा सदस्य थे, उन्हें मार्च 2018 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए फिर से चुना गया, वे चौथी बार राज्यसभा सांसद बने थे।

19 महीने जेल में रहे थे जेटली

19 महीने जेल में रहे थे जेटली

जेटली इससे पहले भी वाजपेयी सरकार में भी कैबिनेट मिनिस्टर रह चुके थे अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 को एक पंजाबी हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ, पिता महाराज किशन पेशे से वकील थे, वो खुद भी जाने-माने वकील थे, वो सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता के पद पर भी रह चुके थे, जेटली की स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल से हुई, उन्होंने अपनी 1973 में श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, नई दिल्ली से कॉमर्स में स्नातक की और डीयू से 1977 में लॉ की डिग्री ली, इमरजेंसी के दौरान अरुण जेटली को मीसा के तहत 19 महीना जेल में भी काटना पड़ा था, राज नारायण और जयप्रकाश नारायण द्वारा चलाये गए भ्रष्टाचार विरोधी जनांदोलन में भी वो प्रमुख नेताओं में से थे, जेल से रिहा होने के बाद वह जनसंघ में शामिल हो गए और धीरे-धीरे उनकी गिनती बीजेपी के कद्दावर नेताओं में होने लगी।

जहाजरानी मंत्रालय संभाला था जेटली ने

जहाजरानी मंत्रालय संभाला था जेटली ने

जेटली ने 24 मई 1982 को संगीता जेटली से विवाह किया जिससे उनके दो बच्चे, पुत्र रोहन और पुत्री सोनाली हैं, मालूम हो कि संगीता जेटली के पिता गिरधारी लाल डोगरा जम्मू-कश्मीर के राजनीति के दिग्गज नेताओं में थे, वे 80 के दशक में जम्मू-कश्मीर सरकार में वित्तमंत्री भी रहे थे।

बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे जेटली

1991 से ही अरुण जेटली बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे, एनडीए की सरकार में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें 13 अक्टूबर 1999 को सूचना प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया था, इसके अलावा पहली बार एक नया मंत्रालय बनाते हुए उन्हें विनिवेश राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया, राम जेठमलानी के इस्तीफे के बाद 23 जुलाई 2000 को जेटली को कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्री का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। नवंबर 2000 में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया और कानून, न्याय और कंपनी मामले के साथ ही जहाजरानी मंत्रालय भी सौंप दिया गया था।

 सोशल मीडिया पर भी काफी प्रखर थे जेटली

सोशल मीडिया पर भी काफी प्रखर थे जेटली

मई 2004 में एनडीए के चुनाव हारने के बाद जेटली वापस बीजेपी के महासचिव बने, 3 जून 2009 को लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष चुने गए, इसके साथ ही जेटली को एशियाई विकास बैंक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में भी शामिल किया गया। जेटली भाजपा के उन नेताओं में शामिल थे, जिन्हें पक्ष ही नहीं बल्कि विपक्ष भी सुनता है, हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर अपना कमान रखने वाले जेटली की छवि एक तेज-तर्रार और स्पष्ट बोलने वाले नेता की रही, वो सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव पर्सन थे, उनके फेसबुक पर 3,498,650 और ट्विटर पर 14 मिलियन फालोअर्स थे।

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English summary
Senior BJP leader and former finance minister Arun Jaitley, passed away at the age of 66 on Saturday, a week after he was admitted to AIIMS following complaints of breathlessness and restlessness. He was 66.
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