पूर्वोत्तर से लगती सीमाओं की निगरानी करेगा राफेल, हाशिमारा एयरबेस पर तैनात होगी दूसरी स्क्वाड्रन
नई दिल्ली: पिछले 10 महीनों से चीन के साथ भारत का सीमा विवाद लद्दाख में जारी है। इस बीच पाकिस्तान भी लगातार अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर नापाक हरकतों का अंजाम देता रहता है। जिसको देखते हुए भारत की तीनों सेनाएं भी अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं। पिछले साल फ्रांसीसी लड़ाकू विमान जब आए तो उनको अंबाला स्थित एयरबेस पर तैनात किया गया था। अब राफेल के दूसरे स्क्वाड्रन को पश्चिम बंगाल के हाशिमारा पर तैनात करने का फैसला लिया गया है, ताकी वक्त रहते पूर्वोत्तर से लगती चीन की सीमा पर कार्रवाई की जा सके।
भारतीय वायुसेना के अधिकारी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि अप्रैल के मध्य में पश्चिम बंगाल के हाशिमारा वायु सेना अड्डे पर राफेल लड़ाकू विमानों के दूसरे दस्ते को शामिल किया जाएगा। वायु सेना मई में वहां लड़ाकू विमान ले जाएगी। साथ बताया गया कि फ्रांस में लड़ाकू पायलटों का प्रशिक्षण लगभग पूरा हो गया है।
वहीं केंद्र सरकार ने इससे पहले जानकारी दी थी कि मार्च तक 17 और राफेल विमान भारत आएंगे। राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक सवाल के जवाब में जानकारी देते हुए बताया था कि भारत को अब तक 11 राफेल मिल चुके है और मार्च तक 17 और लड़ाकू विमान भारत को मिलेंगे। इसके अलावा भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने भी बताया था कि भारत को सभी 36 राफेल लड़ाकू विमान साल 2023 तक मिल जाएंगे। फ्रांस ने 11 राफेल भारत को दे दिए है, जिनमें से पांच अभी फ्रांस में ही हैं। जहां भारतीय वायुसेना के पायलटों को उसकी ट्रेनिंग दी जा रही है।
36 राफेल का हुआ फ्रांस से सौदा
मालूम हो कि राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन कंपनी ने बनाया है। भारत में इसकी पहली खेप 29 जुलाई 2020 को पहुंची, जिसे पिछले साल अंबाला एयर बेस पर उतारा गया था। इसके बाद 4 नवंबर, 2020 को भारत को इसकी दूसरी खेप में 3 राफेल विमान भेजे गए थे। आपको बता दें कि भारत का फ्रांस की सरकार के साथ 36 राफेल जेट विमानों को लेकर सौदा हुआ है, जिनकी कीमत 59,000 करोड़ रुपए है।