अयोध्या पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा ऐतिहासिक फैसला, पढ़िए 10 बड़ी बातें
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आज अयोध्या की विवादित जमीन पर अपना फैसला सुनाएगा। जिससे दशकों से चला आ रहा ये मामला आज समाप्त हो जाएगा। इस मामले पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच अपना फैसला सुनाएगी। शुक्रवार शाम सभी जजों ने मामले पर चर्चा की। कोई भी अप्रिय घटना ना हो, इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

1. अयोध्या मामले पर शनिवार सुबह 10:30 बजे ऐतिहासिक फैसला सुनाया जाएगा। शुक्रवार शाम तक इस बात का किसी को भी नहीं पता था कि फैसला शनिवार को आएगा। इससे पहले बस इतना माना जा रहा था कि फैसला सीजेआई रंजन गोगोई के 17 नवंबर को सेवानिवृत होने से पहले आएगा।
2. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने 40 दिनों तक मामले पर सुनवाई करने के बाद 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अयोध्य पर हुई सुनवाई सबसे लंबी चलने के मामले में दूसरे नंबर पर है। इससे पहले केशवानंद भारती मामले की सुनवाई 68 दिनों तक चली थी। अयोध्य पर फैसला लेने वाली बेंच में गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और अब्दुल नजीर हैं।
3. इससे पहले शुक्रवार को सीजेआई रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर बातचीत की है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में कम से कम 12 हजार सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि शांति कायम रहे।
4. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार तक राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, प्रशिक्षण केंद्र और शैक्षिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दे दिया है। ठीक इसी तरह का आदेश कर्नाटक, मध्यप्रदेश, जम्मू, दिल्ली और राजस्थान में भी जारी कर दिया गया है।
5. शुक्रवार को एक के बाद एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे। देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं। कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है।'
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 'अयोध्या पर कल सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ रहा है। पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट में निरंतर इस विषय पर सुनवाई हो रही थी, पूरा देश उत्सुकता से देख रहा था। इस दौरान समाज के सभी वर्गों की तरफ से सद्भावना का वातावरण बनाए रखने के लिए किए गए प्रयास बहुत सराहनीय हैं।'
6. सरकार ने अयोध्य फैसले के मद्देनजर सभी पांच जजों को मिली हुई सुरक्षा बढ़ा दी है। किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए लखनऊ और अयोध्या में दो हेलीकॉप्टरों को तैनात कर दिया गया है। दिल्ली में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं।
7. अयोध्या में 2.77 एकड़ जमीन पर विवाद है, जिसपर मुस्लिम और हिंदू दोनों अपना दावा करते हैं। ये मामला 1980 के दशक से ही विवादित बना हुआ है। हिंदू समूह यहां राम मंदिर का निर्माण करवाना चाहता है, वहीं मुस्लिम समूह दावा करता है कि यहां मंदिर का कोई सबूत नहीं था।
8. साल 1992 में कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था और एक अस्थाई मंदिर बनाया दिया। जिसके बाद दंगे भड़क गए और 2 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई।
9. सितंबर 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मामले में ऐतिहासिक फैसला दिया। जमीन को तीन हिस्सों में बांट दिया गया। जिससे तीनों पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला संतुष्ट नहीं थे। इन सभी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
10. यह सुनिश्चित करने के प्रयास में कि फैसले के बाद हिंसा ना हो, आरएसएस और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने हाल ही में प्रमुख मुस्लिम मौलवियों और बुद्धिजीवियों के साथ बैठक की थी।
अयोध्या मामला: शनिवार को फैसला सुनाए जाने के पीछे ये है कारण