जानें कौन हैं सौरभ कृपाल, जो बन सकते हैं भारत के पहले समलैंगिग जज
नई दिल्ली, 16 नवंबर: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की बैठक हुई थी। जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा वरिष्ठ वकील सौरभ कृपाल को लेकर हुए फैसले पर हो रही है। कोलेजियम की सिफारिश के बाद वो जल्द ही दिल्ली हाईकोर्ट के जज बन सकते हैं। सौरभ समलैंगिग हैं, ऐसे में ये फैसला ऐतिहासिक होगा। साथ ही वो भारत के पहले समलैंगिग जज होंगे। आइए जानते हैं उनके बारे में-
विदेश में की पढ़ाई
सौरभ कृपाल ने पहले तो दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया, फिर वो लॉ की डिग्री लेने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए। वहां पढ़ाई पूरी करने के बाद वो लॉ से ही पोस्टग्रेजुएशन करने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी चले गए। इसके बाद उन्होंने भारत के सुप्रीम कोर्ट में दो दशक तक प्रैक्टिस की। इस बीच उन्होंने यूनाइटेड नेशंस के साथ जेनेवा में भी काम किया था।
इस केस से आए चर्चा में
आईपीसी की धारा 377 के तहत अंग्रेजी शासन के दौरान साल 1861 में समलैंगिकता को अपराध घोषित किया गया था। आजाद भारत में भी ये कानून बरकरार रहा। हालांकि 6 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर बड़ा आदेश दिया, जिसके तहत दो बालिग लोगों का समलैंगिग संबंध बनाना अपराध नहीं है। सौरभ इसी से जुड़े 'नवतेज सिंह जोहर बनाम भारत संघ' केस से काफी फेमस हुए थे।
केंद्र ने जताई थी आपत्ति
इस साल अप्रैल में भी सौरभ कृपाल के नाम की चर्चा हाईकोर्ट के जज के लिए हो रही थी। उस दौरान भारत सरकार ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखाकर कहा था कि उन्हें कृपाल की नियुक्त पर आपत्ति है। केंद्र ने 2018 में भी उनकी नियुक्त पर आपत्ति जताई थी। उस दौरान उनकी ओर से कहा गया था कि कृपाल का पार्टनर यूरोपियन है और वो स्विटजरलैंड की एम्बेसी में काम करता है। जिससे ये कंफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट का मामला बन सकता है।
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