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विधानसभा चुनाव 2018: सटोरियों की नजर में एमपी-छत्तीसगढ़ में बीजेपी और राजस्‍थान में कांग्रेस

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नई दिल्‍ली। मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान और छत्तीसगढ़ में चुनावों की तारीख नजदीक आ रही है। अभी वोटिंग नहीं हुई है फिर भी परिणाम को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। क्रिकेट की तरह हर आदमी आज राजनीतिक समझ का विशेषज्ञ बन गया है और वह अपनी-अपनी गणित के अनुसार अनुमान लगा रहा है। दूसरी तरह सट्टा बाजार में भी अटकलों के ही आधार पर खिलाड़ी खेल रहे हैं। इन तीनों राज्‍यों में किसकी बनेगी सरकार इसे लेकर सट्टा लगने लगा है। छत्तीसगढ़ और मध्‍य प्रदेश में भाजपा का रेट सबसे अधिक है यानि यदि भाजपा की सरकार बनने पर पैसा लगाया और ऐसा हुआ तो मुनाफा सबसे अधिक होगा। वहीं राजस्‍थान में कांग्रेस को लेकर रेट अधिक है।

मध्‍य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीती बीजेपी ताक 10 का मिलेगा 11

मध्‍य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीती बीजेपी ताक 10 का मिलेगा 11

सट्टेबाजों के अनुसार, अगर कोई शख्स बीजेपी पर 10 हजार रुपये लगाता है और अगर पार्टी फिर से सत्ता में आती है तो उसे 11 हजार रुपये मिलेंगे। अंग्रेजी अखबार टाइम्‍स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक वहीं, अगर कांग्रेस पर कोई 4,400 रुपये लगाता है और अगर कांग्रेस की सत्ता में लौटती है तो उसे 10 हजार रुपये मिलेंगे। मतलब साफ है कि कांग्रेस पर सट्टा लगाने वालों को ज्यादा फायदा मिल सकता है लेकिन सट्टेबाजों का मानना है कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की वापसी मुश्किल लग रही है। बीजेपी पर सट्टा लगाने वालों का प्रॉफिट मार्जिन कम है क्योंकि सट्टेबाजों का मानना है कि बीजेपी पर ज्यादा लोग सट्टा लगाएंगे।

टिकट बंटवारे के बाद आ सकता है रेट में अंतर

टिकट बंटवारे के बाद आ सकता है रेट में अंतर

एक बुकी ने बताया, 'हमें उम्मीद है कि बीजेपी एमपी में फिर जीत दर्ज करेगी जबकि कांग्रेस की उम्मीद कम है। बीजेपी छत्तीसगढ़ में जीत हासिल कर सकती है जबकि कांग्रेस राजस्थान में वापसी कर सकती है। टिकट के बंटवारे के बाद सट्टा के रेट में अंतर आ सकता है। लेकिन इस ट्रेंड के बदलने की उम्मीद मुझे कम है।' बता दें कि हर चुनाव में करोड़ों रुपये का सट्टा लगता है। फोन, वेबसाइट और ऑनलाइन मोबाइल अप्लीकेशन के जरिए सट्टा लगते हैं। इसके कारण पुलिस के लिए इस रैकिट को पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है।

मुश्‍किल होता है इन रैकेटों का खुलासा हो पाना

मुश्‍किल होता है इन रैकेटों का खुलासा हो पाना

अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन सट्टा रैकिट को पकड़ना मुश्किल होता है क्योंकि यह एक जगह से दूसरे जगह मूव करते रहते हैं। ऑनलाइन सट्टेबाजी मूविंग कार, कैफे या शहर के पब्लिक प्लेस से भी संचालित किया जा सकता है। भोपाल में हर रोज सट्टेबाजी से संबंधित तीन मामले दर्ज हो रहे हैं। सट्टा बाजार में अभी क्रिकेट से ज्यादा चुनाव को लेकर क्रेज है।

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English summary
Satta market bets big on BJP in MP and Chhattisgarh, Congress in Rajasthan.
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