नोटबंदी: नए नोटों की छपाई पर पड़ सकता है असर, कर्मचारियों ने किया ओवरटाइम से इंकार
भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड कर्मचारी एसोसिएशन ने अथॉरिटी को नोटिस जारी करके कहा है कि 14 दिसंबर से लगातार ओवरटाइम करने की वजह से कई कर्मचारी बीमार हो गए हैं।
सालबोनी (पश्चिम बंगाल)। नोटबंदी के फैसले के बाद नई करेंसी की छपाई का दौर तेजी से चल रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक के करेंसी प्रिंटिंग प्रेस में लगातार 500 और 2000 रुपये के नए नोटों की छपाई की जा रही है। नोटों की लगातार छपाई के बाद भी नई करेंसी की कमी के चलते आम जनता को परेशानी हो रही है। एटीएम और बैंक में लोगों की भीड़ देखी जा रही है। हालात से निपटने के लिए करेंसी प्रिंटिंग प्रेस में ओवरटाइम तक कराया जा रहा है जिससे नए नोटों की कमी से आम जनता को हो रही परेशानी से निपटा जा सके। इस बीच मिल रही जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल के सालबोनी में करेंसी प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले कर्मचारियों के एक वर्ग ने ओवरटाइम से इंकार कर दिया है। उन्होंने साफ कह दिया है कि वो 9 घंटे से ज्यादा की शिफ्ट नहीं करेंगे। उनके इस फैसले का असर नोट छपाई पर हो सकता है।
कर्मचारियों का 9 घंटे से ज्यादा की शिफ्ट करने से इंकार
भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (बीआरबीएनएमपीएल) कर्मचारी एसोसिएशन ने अथॉरिटी को नोटिस जारी करके कहा है कि 14 दिसंबर से लगातार ओवरटाइम करने की वजह से कई कर्मचारी बीमार हो गए हैं। उन्हें कई तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद और एसोसिएशन के अध्यक्ष शिशिर अधिकारी ने बताया कि मैसूर और सालबोनी के करेंसी प्रिंटिंग प्रेस में कई कर्मचारी बीमार हो गए हैं। अथॉरिटी के कहने पर 14 दिसंबर से ये कर्मचारी 12 घंटे की शिफ्ट कर रहे हैं। इस कवायद के पीछे वजह यही थी कि अचानक से 500 और 100 के नोटों की बढ़ी मांग को पूरा किया जा सके। हालांकि इस दौरान कर्मचारियों के ओवरटाइम से उनकी सेहत प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि हमने इस बारे में कई बार अथॉरिटी से बात करके ये मांग रखी कि नए कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए। जिससे बाकी कर्मचारी भी फिट रह सकें, लेकिन उस मांग पर विचार नहीं किया जा रहा है। कर्मचारी कोई गुलाम नहीं हैं जो लगातार 12 घंटे की शिफ्ट करते रहेंगे।
सालबोनी के भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड में 96 लाख नोट रोज छापने की सुविधा उपलब्ध है। ऐसा तभी हो सकता है जब कर्मचारी दो शिफ्ट में करीब 12 घंटे रोज काम करें। एसोसिएशन के सचिव नेपाल सिंह ने कहा कि 9 घंटे की शिफ्ट में 34 लाख नोट छप सकते हैं। वहीं 68 लाख नोट दो शिफ्ट में छपते हैं। 28 लाख नोट की कमी वर्तमान के आउटपुट स्तर की वजह से हो सकती है। बता दें कि सालबोनी में करीब 700 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। इस करेंसी प्रिंटिंग प्रेस में 10 रुपये से लेकर 2000 रुपये के नोटों की छपाई की जा सकती है। इसे भी पढ़ें:- कोटक महिंद्रा बैंक के ब्रांच मैनेजर गिरफ्तार, प्रवर्तन निदेशालय ने की कार्रवाई