शिकागो में बोले मोहन भागवत, दुनिया भर के हिंदुओं को एकजुट होने की जरूरत
Recommended Video
नई दिल्ली। वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस की दूसरी बैठक में आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत ने कहा कि दुनियाभर के हिंदुओं को एकसाथ आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह मुश्किल है, लेकिन फिर भी इसकी कोशिश होनी चाहिए। गौर करने वाली बात है शिकागो में स्वामी विवेकानंद की द्वारा दिए गए भाषण की 125वीं वर्षगांठ भी है, जब दूसरी विश्व हिंदू कांग्रेस का आयोजन किया गया है। भागवत ने कहा कि हिंदू समाज के लिए आपसी समायोजन और एकजुटता बहुत जरूरी है। इस दौरान मोहन भागवत ने महाभारत की कई कहानियों का जिक्र किया और तमाम हिंदुओं से एकजुट होने की अपील की।
आदर्शवाद में कुछ भी गलत नहीं
जीवन में नेतृत्व, विरोध, धैर्य आदि तमाम मानवीय गुणवत्ताओं को समझाने के लिए भागवत ने महाभारत की कथा का वर्णन किया और कहा कि इसकी हमे हमे बहुत सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे मूल्य वैश्विक मूल्य हैं, जिसे हिंदू मूल्य कहा जाता है। हिंदू समाज अधिक से अधिक बेहतर लोगों का समाज है, लेकिन हम एक साथ काम नहीं करते हैं। भागवत ने कहा कि अगर सपने नहीं देखते हैं तो कुछ भी संभव नहीं है। आदर्शवाद के बारे में संघ प्रमुख ने कहा कि इसमे कुछ भी गलत नहीं है
हम अभ्यास करना भूल गए
तकरीबन 2500 लोगों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि हिंदू समुदाय को आत्मसंतुष्ट होकर नहीं बैठ जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे विरोधी जानते हैं कि यह कार्यक्रम किया जा रहा है, लेकिन हमारे खुद के लोगों को इसकी जानकारी नहीं हैं। हम एक हजार साल से क्यों परेशानियों को झेल रहे हैं, हमारे पास सबकुछ था, हमे सबकुछ मालूम था, लेकिन हम उसका अभ्यास करना भूल गए, हम एक साथ काम करना भी भूल गए।
खुद को बदलना नहीं चाहिए
राजनीति के बारे में भागवत ने कहा कि इसे राजनीति की ही तरह करना चाहिए, लेकिन खुद को इसके लिए बदलना नहीं चाहिए। किसी का नाम लिए बगैर भागवत ने श्रीकृष्ण और युधिष्ठिर की तुलना महाभारत में की। उन्होंने कहा कि कृष्णा ने कभी भी युधिष्ठिर की बात को नहीं टाला, जो लोग आज मुझसे सहमत नहीं हैं, वो मूर्ख नहीं हैं, अपने नजरिए से आप सही हैं, सभी तरह की सोच को एक साथ लेकर चलना होगा, यही शक्ति है।
एकजुट होना जरूरी
अपने 40 मिनट के भाषण में भागवत ने भागवत गीता की कई श्लोक का जिक्र किया, भाग्य आपकी मेहनत से पीछे आता है, मूल्य क्या हैं, आपके पास जो है, उसे कभी भूलना नहीं चाहिए। इस दौरान उन्होंने एकजुट होकर काम करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लोग कभी एकजुट नहीं होते हैं, हिंदुओं का एक साथ आना अपने आप में काफी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब यह समाज के लिए काम करे, कुछ संगठन और दल इसके लिए काम करें, इससे यह लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं है, हमे एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।
इसे भी पढ़ें- जब माल्या से पूछा गया कि आप वापस भारत कब आएंगे, ये दिया जवाब