आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बोले-कोरोना की पहली लहर के बाद सरकार और जनता से हुई चूक
नई दिल्ली, मई 15: देश में मौजूदा कोरोना संकट को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने आज कई अहम बातें कही हैं। मोहन भागवत ने कहा कि कोविड आपदा मानवता पर है, भारत को विश्व के सामने अपना उदाहरण रखना है, सारे भारत को एक समूह के नाते सारे भेद भूलकर सभी को एक टीम की तरह काम करना है। इसके साथ ही मोहन भागवत ने कोरोना को लेकर लोगों और सरकार द्वारा की गई लापरवाही पर चिंता व्यक्त की।
'पॉजिटिविटी अनलिमिटेड' कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा है कि हम सभी- आम जनता, सरकार और प्रशासन, पहली लहर के बाद आत्मसंतुष्ट हो गए। डॉक्टर इशारा कर रहे थे लेकिन हम आत्मसंतुष्ट हो गए। इसलिए हम इस समस्या का सामना कर रहे हैं। अब तीसरी लहर की बात हो रही है लेकिन हमें डरने की नहीं बल्कि खुद को तैयार करने की जरूरत है। यह (कोविड-19 महामारी) मानवता के सामने एक चुनौती है। हमें गुण-दोष की चर्चा किए बिना एक टीम के रूप में काम करना है।
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आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हम जीतेंगे यह हमारा दृढ़संकल्प है। मौजूदा समय में खुद को नकारात्मकता से दूर रखकर पॉजिटिव रखना जरूरी है। हमें संकल्प के साथ मौजूदा चुनौतियों से लड़ना होगा। हमारे तरफ से बेसिरपैर की कोई बात समाज में नहीं जाए और बेसिरपैर की कोई बात समाज में चल रही है तो उसके पीछे नहीं जाना। कुछ लोग कोरोना का पॉजिटिव होना बदनामी मामते हैं उपचार नहीं कराते, अस्पताल के वातावरण को जानकर अस्पताल नहीं जाते, लेकिन ऐसा नहीं करना है।
मोहन भागवत ने कहा कि, अभी सकारात्मकता पर बात करना बहुत कठिन है, क्योंकि समय बहुत कठिन चल रहा है। अनेक परिवारों में कोई अपने, कोई आत्मीय बिछड़ गए हैं। अनेक परिवारों में तो भरण-पोषण करने वाला ही चला गया। 10 दिन में जो था, वह नहीं था हो गया। अपनों के जाने का दुख और भविष्य में खड़ी होने वाली समस्याओं की चिंता, ऐसी दुविधा में तो परामर्श देने के बजाए पहले सांत्वना देना चाहिए।