TMC को तोड़ने के चक्कर में पड़ने लगी है बंगाल BJP में दरार
नई दिल्ली- पश्चिम बंगाल (West Bengal) में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सुप्रीमो ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) का सियासी कद नापने के लिए बीजेपी (BJP) ने उनकी पार्टी के नेताओं को भाजपा में शामिल कराने की सीरीज चला रखी है। लेकिन, इस उतावलेपन में लिया गया उसका एक फैसला अब पार्टी संगठन पर ही भारी पड़ रहा है। पार्टी की बीरभूम (Birbhum) यूनिट ने एक ऐसे ही फैसले के खिलाफ प्रस्ताव तक पारित कर दिया है।
इस बात पर बंगाल बीजेपी में घमासान
29 मई की बात है, भाजपा (BJP) के पश्चिम बंगाल प्रभारी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) और मुकुल रॉय (Mukul Roy) ने बड़े तामझाम से टीएमसी (TMC) विधायक मनीरुल इस्लाम (Manirul Islam) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्यता दिलाई थी। लेकिन, भाजपा के अपने कार्यकर्ताओं को पार्टी का यह फैसला बेहद नागवार गुजरा। द टेलिग्राफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीरभूम (Birbhum) जिले के बीजेपी चीफ रामकृष्ण रॉय ने कहा है कि, "मनीरुल इस्लाम के बीजेपी में शामिल होने के बाद हमने पिछले हफ्ते बैठक में एक प्रस्ताव पास किया है। हम उन्हें बीजेपी के सदस्य के तौर पर स्वीकार नहीं करेंगे।"
मनीरुल की एंट्री का इसलिए हो रहा है विरोध
दरअसल, टीएमसी (TMC) छोड़कर आए मनीरुल इस्लाम (Manirul Islam) को जैसे ही भाजपा में शामिल किया गया पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर उन्हें तत्काल निकालने की मांग शुरू कर दी। उनका आरोप है कि लोकसभा चुनाव से पहले इस्लाम ने ही टीएमसी (TMC) के लिए भाजपा (BJP) पर हमले करवाए थे। ऐसे में उन्हें पार्टी के अंदर कैसे स्वीकार किया जा सकता है। रामकृष्ण रॉय के मुताबिक, "पार्टी के सहयोगी के रूप में मनीरुल के साथ का करना असंभव है, क्योंकि लोकसभा चुनावों से पहले उन्होंने ही भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले करवाए। उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं को चुनावी रैलियों में नहीं शामिल होने दिया। हमारे मन का वह घाव अभी भी ताजा है। हमने प्रदेश नेतृत्व को फैसले की जानकारी दे दी है।"
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संघ से जुड़े लोग भी उठा चुके हैं सवाल
बंगाल (West Bengal) बीजेपी एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पता नहीं सेंट्रल लीडरशिप ने मनिरुल में क्या देखा। उन्होंने साफ किया कि वो नहीं चाहते कि ऐसे लोग पार्टी में रहें। बंगाल बीजेपी (BJP) के अध्यक्ष और मिदनापुर (Midnapur) के सांसद दिलिप घोष (Dilip Ghosh) ने भी कहा है कि उन्हें नहीं पता कि मनिरुल को पार्टी में कैसे शामिल किया गया। मनीरुल इस्लाम (Manirul Islam) को भाजपा में शामिल किए जाने पर सवाल सबसे पहले आरएसएस (RSS) से जुड़े लोगों ने ही उठाना शुरू किया था। संघ और इसके चीफ मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के करीबी माने जाने वाले रंतिदेव सेनगुप्ता (Rantidev Sengupta) ने अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा था कि पता नहीं कि इससे भाजपा को कैसे मदद मिलेगी। द हिंदू के मुताबिक उन्होंने लिखा था, "मनीरुल जैसे लोगों द्वारा फैलाई गई अशांति के कारण ही बहुत से लोगों ने भाजपा को वोट दिया है। अब ऐसे वोटर बीजेपी के बारे में क्या सोचेंगे।" उनके इस पोस्ट पर लोगों ने उनसे गुजारिश की थी कि वो बड़े नेताओं तक यह बात जरूर पहुंचाएं।
बीजेपी किसी भी तरह जीतना चाहती है बंगाल
गौरतलब है के बंगाल के लाभपुर (Labhpur) के विधायक (MLA) मनीरुल इस्लाम (Manirul Islam) अपने विवादित बयानों के चलते ही चर्चा में रहे हैं। वे 2010 के ट्रिपल-मर्डर केस में भी संदिग्ध बनाए गए थे, लेकिन चार्जशीट में उनका नाम हटा दिया गया था। जबकि, 2014 में उन्होंने सरेआम दावा किया था कि उन्होंने अपने विरोधियों को पैर के नीचे रौंद डाला। लेकिन, शायद बंगाल में विस्तार में लगी बीजेपी इन सब बातों को अभी नजरअंदाज कर देना चाहती है। इसलिए लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने बंगाल के कई विधायकों और काउंसिलरों को पार्टी में शामिल किया है, जिनमें से अधिकांश टीएमसी (TMC) के हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया था कि भाजपा में शामिल कराने का उनका कार्यक्रम सीरीज में जारी रहेगा। पार्टी नेता मुकुल रॉय दावा कर चुके हैं कि टीएमसी (TMC) के 50 विधायक उनसे संपर्क में हैं।
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