हुदहुद:पीएम ने किया 1000 करोड़ मुआवजे का एलान, राहत कार्य जारी
नई दिल्ली। भीषण चक्रवात हुदहुद का कोहराम थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि इसकी तीव्रता पहले दिन से कम है लेकिन अब भी यह विनाशकारी बना हुआ है। तेज हवाओं के चलते आंध्र प्रदेश को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं हुदहुद से सबसे ज्यादा प्रभावित विशाखापट्टनम का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हवाई दौर। दौरे के बाद प्रधानमंत्री ने 1000 करोड़ रुपए के राहत का एलान किया। इसके साथ ही मृतको को दो लाख और घायलों को पचास हजार रूपए के मुआवजे का ऐलान किया।
आपको बता दें कि भारी बारिश और तेज हवाओ ने वाईजैग एयरपोर्ट की छत तक को उड़ा दिया है। वहीं नौसेना के लिए इस हालात से निपटना एक बड़ी चुनौती है। आइये पिछले चार दिनों में हुदहुद की तबाही पर डालते हैं एक नजर...
हुदहुद
से
हुआ
जान
माल
का
नुकसान
रविवार
को
सुबह
तकरीबन
11
बजे
जब
हुदहुद
ने
अपनी
दस्तकी
दी
थी
तभी
इसकी
भयावहता
का
लोगों
को
अंदाजा
हो
गया
था।
लेकिन
मौसम
विभाग
की
सतर्कता
और
सरकारी
महकमें
की
तैयारियों
के
चलते
इस
चक्रवात
से
निपटने
की
पूरी
तैयारी
की
गयी
थी।
- इस चक्रवात ने अब तक कुल 26 लोगों की जान ले ली है।
- सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं को कुल 8000 करोड़ रुपये की संपत्ति के नुकसान का अनुमान
- आंध्र प्रदेश में चक्रवात के चलते सड़क, खेती, बिजली, पानी सब कुछ बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
- सैकड़ो घर इस चक्रवात की जद में आकर तबाह हो गये।
- विशाखापट्टन का एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, पेट्रोल पंप सब बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं।
सरकारी
मदद
और
बचाव
कार्य
सरकारी
महकमे
की
हुदहुद
चक्रवात
से
निपटने
की
तैयारियों
पर
नजर
डाले
तो
यह
काफी
प्रभावशाली
रहे
हैं।
जिसके
चलते
इस
भीषण
चक्रवात
से
अपेक्षा
अनुसार
कम
तबाही
हुई।
- आंध्र के मुख्यमंत्री ने मृतकों परिजनों को 5 लाख जबकि घायलों को पचास हजार के मुआवजे की घोषणा की
-
तमिलनाडु
सरकार
ने
राहत
और
बचाव
कार्यों
के
लिए
आंध्र
सरकार
को
5
करोड़
की
मदद
की
घोषणा
की।
-
मौसम
विभाग
की
सटीक
भविष्यवाणी
के
चलते
बचाव
लाखों
लोगों
को
सुरक्षित
स्थान
पर
पहुंचाया
गया।
- नौसेना ने युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य किया।
तबाही
के
बाद
की
चुनौती
चक्रवात
के
बाद
सरकार
के
सामने
सबसे
बड़ी
दिक्कत
है
जनजीवन
को
फिर
सामान्य
स्थिति
में
लाना।
-
खाने-पीने
की
चीजों
के
दाम
आसमान
पर
पहुंचे
-
जमकर
हो
रही
कालाबाजारी
पर
लगाम
लगाना
बड़ी
समस्या
-
रेल,
सड़क,
परिवहन,
बिजली
व्यवस्था
पूरी
तरह
से
ध्वस्त