राहत भरी खबरः नए शोध में लगी मुहर, मनुष्यों में कोरोना नहीं फैला सकते हैं मच्छर
नई दिल्ली। नोवल कोरोनावायरस महामारी में मच्छरों की भूमिका पर हुए एक ताजा शोध में स्पष्ट हो गया है कि मच्छरों के काटने से मनुष्यों में वायरस का ट्रांसफर नहीं हो सकता है। अमेरिका में किए गए एक ताजा शोध के दौरान पाया गया कि किसी भी प्रजाति का मच्छर जानलेवा वायरस का कैरियर नहीं हो सकता है, जिससे मनुष्यों तक वायरस का पहुंचना मुश्किल है। शोध में वैज्ञानिकों ने अब इसकी बाकायदा पुष्टि कर दी है।
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मच्छरों के जरिए मनुष्यों में संक्रमण की संभावना की पहली प्रायोगिक जांच
शोध से संबंधित निष्कर्ष जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुए हैं, जो मच्छरों के जरिए कोरोना मनुष्यों में संक्रमण और ट्रांसमिशन होने पर पहली प्रायोगिक जांच है। यह जांच कोरोना रोग के कारक SARS-CoV-2 वायरस की क्षमता पर अध्ययन के लिए किया गया था।
डब्ल्युएचओ ने पहले ही कहा था कि मच्छर कोरोना नहीं फैला सकते हैं
हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहले ही निश्चित कर दिया था कि मच्छर कोरोनावायरस को प्रसारित नहीं कर सकते हैं। अमेरिका में कंसास स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता स्टीफन हिग्स ने कहा कि ताजा शोध इस थ्योरी के समर्थन का पहला निर्णायक डेटा प्रदान करता है कि मच्छर मनुष्यों में कोरोना का ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं।
परिणामों के स्पष्टता के लिए मच्छरों के तीनों प्रजातियों पर शोध किया गया
शोध के दौरान परिणामों के स्पष्टता के लिए मच्छरों के तीन व्यापक प्रजातियां क्रमशः एडीज एजिप्टी, एडीस अल्बोपिक्टस और क्यूलेक्स क्विनकैफैसिअसस पर अध्ययन किया गया, जो मनुष्यों को संक्रमित करने वाले आर्बोवायरस विषाणुओं के दो सबसे महत्वपूर्ण जेनेरा का प्रतिनिधित्व करते थे। मच्छरों की तीनों प्रजातियां चीन में मौजूद हैं, जो नोवल कोरोनो को पैदा करने वाला देश है।
कोविड-19 मच्छरों की तीनों प्रजातियों में रिप्लीकेट करने में असमर्थ है
अध्ययन में पाया गया कि नोवल कोरोनावायरस मच्छरों की तीन सामान्य और व्यापक प्रजातियों में रिप्लीकेट करने में असमर्थ है और इसलिए वो मनुष्यों में कोरोना ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने चरम स्थितियों में भी SARS-CoV-2 वायरस इन मच्छरों को रिप्लीकेट में असमर्थ है, इसलिए इसकी संभावना नहीं है कि मच्छरों से मनुष्यों में कोरोना संक्रमण हो सकता है।
मच्छरों के साथ अन्य जानवरों के रोगजनक पर किया जा रहा है अनुसंधान
वैज्ञानिकों ने बताया कि मच्छरों के साथ ही साथ अन्य जानवरों के रोगजनकों के बारे भी अनुसंधान किया जा रहा है, जिनसे लोगों में वायरस के संक्रमण की संभावना हो। इनमें रिफ्ट वैली बुखार, जापानी एन्सेफलाइटिस, अफ्रीकी स्वाइन बुखार और शास्त्रीय स्वाइन बुखार शामिल हैं।