राफेल डील पर राहुल गांधी के आरोपों का रिलायंस ने दिया जवाब
नई दिल्ली। फ्रांस के राफेल विमान पर भारत में अब राजनीतिक पारा दिन-ब-दिन गर्म होता जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कई बार राफेल घोटाले का आरोप लगाते हुए सरकार के साथ रिलायंस ग्रुप पर भी आरोप लगा चुके हैं। इस बीच रिलायंस ग्रुप कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि उन्हें यह डील रक्षा मंत्रालय से प्राप्त नहीं हुई थी। राफेल सौदे को लेकर तमाम आरोपों के बाद, रिलायंस ने स्पष्ट किया है कि 36 राफेल लड़ाकू विमान सप्लाई करने के लिए उन्हें फ्रेंच फर्म डसॉल्ट से कॉन्ट्रैक्ट मिला था।
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रिलायंस ने कहा कि फ्रांस कंपनी की इस डील को पहले HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) ने नजरअंदाज किया और उसके बाद डसॉल्ट ने रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को चुना, जिसमें रक्षा मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं थी।
रिलायंस डिफेंस लिमिटेड के सीईओ राजेश धींगरा ने कहा कि दो सरकारों की बीच हुई डील के मुताबिक सभी 36 एयरक्राफ्ट्स की आपूर्ति 'फ्लाई-वे' कंडीशन में होनी है। इसका मतलब यह है कि 'उन्हें फ्रांस से डसॉल्ट के द्वारा खरीदा किया जाएगा' और 'HAL' या अन्य कोई भी प्रॉडक्शन एजेंसी नहीं हो सकती, क्योंकि एयरक्राफ्ट का प्रॉडक्शन भारत में नहीं होना है।
धींगरा ने कहा कि ना तो रिलायंस कंपनी और ना ही रिलायंस डिफेंस ग्रुप को कभी कोई रक्षा मंत्रालय से कॉन्ट्रैक्ट मिला है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पूरी तरह से गलत बयानबाजी हो रही है। विपक्ष ने पिछले माह राफेल मामले में जेपीसी की मांग की थी। राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह जयपुर में लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि राफेल को लेकर यूपीए में जो डील हुई थी, उसकी कीमत मोदी सरकार में बहुत ज्यादा हो चुकी है। राहुल गांधी का आरोप है कि सरकार ने 'एक बिजनेसमेन' को फायदा पहुंचाने के लिए इस पूरी डील को ही बदल दिया है।
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