कांग्रेस के भीतर इस राज्य में भी विद्रोह का बिगुल! हाई कमान को त्राहिमाम संदेश
हैदराबाद, 1 अगस्त: कांग्रेस के लिए तेलंगाना से भी बुरी खबर है। यहां कई नेता प्रदेश नेतृत्व की कार्यशैली से काफी खफा हैं और उनकी ओर से पार्टी नेतृत्व को फौरन दखल देने की गुहार लगाई जा रही है। सबसे बड़ी वजह है कि एक बड़े जनाधार वाले विधायक के बीजेपी में जाने की चर्चा जोर पकड़ चुकी है। कांग्रेस के कई नेताओं को लगता है कि अगर एक बार एमएलए का पार्टी छोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ तो इसकी लाइन लग सकती है। लेकिन,फिलहाल पार्टी आलाकमान का तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी पर भरोसा पूरी तरह कायम है, जो कुछ साल पहले ही पार्टी में आए हैं।
एमएलए राज गोपाल रेड्डी के बीजेपी में जाने की अटकलें
तेलंगाना में भी कांग्रेस के भीतर बगावत की नौबत आ चुकी है। यहां कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी की कार्यशैली से प्रदेश के नेता खुश नहीं हैं और फौरन पार्टी आला कमान से दखल देने की मांग कर रहे हैं। ताजा चिंता मुनुगोड़े के एमएलए कोमातीरेड्डी राज गोपाल रेड्डी को लेकर है, जिनके बारे में अटकलें लग रही हैं कि वह बीजेपी में जाने वाले हैं। यदि वह पार्टी छोड़ते हैं तो कई और कांग्रेसी विधायक ऐसा करने के लिए आगे बढ़ सकते हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की ओर से मनाने की कोशिशों के बावजूद लगता है कि राज गोपाल ने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया है।
रेवंत रेड्डी के खिलाफ नेताओं में नाराजगी-रिपोर्ट
सूत्रों का कहना है कि राज गोपाल रेड्डी 'अपने साथ कांग्रेस समर्थकों का एक बड़ा हिस्सा ले जा सकते हैं।' पार्टी के एक नेता ने बताया कि राज गोपाल को 'ए रेवंत रेड्डी का पार्टी चलाने का तरीका पसंद नहीं है।' रेवंत पहले टीडीपी में थे और 2017 में ही कांग्रेस में शामिल हुए थे। लेकिन, संभवत: राहुल गांधी के प्रभाव में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया है। राज गोपाल रेड्डी को भी यह लगता है कि पार्टी ने वफादार कांग्रेसियों की जगह 'बाहरियों' को नेतृत्व की भूमिका के लिए तबज्जो दी है। जानकारी के मुताबिक मुनुगोड़े के विधायक ने रेवंत से कहा था कि वह नलगोंडा जिले का दौरा या वहां प्रचार का काम ना करें। राज गोपाल का चुनाव क्षेत्र इसी जिले में है।
राज गोपाल रेड्डी के भाई भी हैं सांसद
राज गोपाल रेड्डी के भाई वेंकट रेड्डी भी भोनगीर से लोकसभा सांसद हैं, जो कि नलगोंडा जिले में ही पड़ता है। कुल मिलाकर दोनों भाइयों का इलाके में मजबूत जनाधार है। प्रदेश कांग्रेस नेताओं को इस बात का डर है कि राज गोपाल रेड्डी के कदम से उनके भाई भी प्रभावित हो सकते हैं, जिससे जिले में कांग्रेस का भविष्य चौपट हो सकता है। एक सूत्र ने कहा, 'राज गोपाल रेड्डी ने रेवंत रेड्डी को नलगोंडा जाने या प्रचार करने से मना किया और उन्हें वहां से दूर रहने की चेतावनी दी। उन्हें लगता है कि रेवंत पार्टी से ज्यादा खुद को प्रमोट करते हैं और वे अपने किसी भी फैसले में पार्टी के किसी भी नेता को शामिल नहीं करते हैं। इसे पार्टी के लगभग सभी नेताओं ने महसूस किया है और अब वे बहुत ही मजबूती से यह बात बता रहे हैं।'
जग्गा रेड्डी भी रेवंत की कार्यशैली से नाराज
संगारेड्डी के पार्टी विधायक टी जयप्रकाश रेड्डी या जग्गा रेड्डी भी कथित तौर पर रेवंत रेड्डी की कार्यशैली से नाराज हैं और उन्होंने इस मुद्दे पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से भी संपर्क किया है। पार्टी के अंदर के लोगों का कहना है कि प्रदेश के बाकी वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने भी एआईसीसी नेताओं तक अपनी बात पहुंचाई है और उनसे अनुरोध किया है कि 'प्रदेश पर ध्यान दें' और 'चीजों को व्यवस्थित' करें। जग्गा रेड्डी ने कहा, 'रेवंत रेड्डी सब कुछ सिर्फ खुद के लिए करते हैं। उन्होंने पार्टी की भलाई के लिए कुछ भी नहीं किया है। उन्हें निश्चित रूप से निजी तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाए। मैंने एआईसीसी से शिकायत की है। कांग्रेस तेलंगाना में सत्ता में कैसे आएगी, जब रेवंत को पार्टी में ही समर्थन नहीं है? उनके साथ पार्टी का कोई भी नेता नहीं है।'
कुछ नेताओं ने खुद को विवाद से किया दूर
पार्टी के अंदर के लोगों ने बताया है कि पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी, कांग्रेस विधायक दल के नेता एम भट्टी विक्रमार्क और बाकी पदाधिकारियों ने खुद को इस मसले से दूर कर लिया है। वैसे प्रदेश के कुछ नेताओं के मुताबिक रेवंत 'निर्णय निर्माण की प्रक्रिया में सबको शामिल करने की कोशिश कर रहे थे' और 'आने वाले चुनावों में कांग्रेस को जीत दिलाने की कोशिशों के तहत पार्टी को एकजुट करने के लिए पूरे प्रदेश की यात्रा भी करेंगे।'(तस्वीरें-फाइल)