लाल किले से किए गए PM नरेंद्र मोदी के 7 वादे: कुछ पूरे, कुछ अधूरे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से तीसरी बार देश की दशा और विकास की दिशा पर भाषण देंगे। इसके लिए बाकायदा जनता से भी सुझाव मांगे गए हैं।
पीएम मोदी ने अपने पिछले भाषणों में अर्थव्यवस्था, स्कूलों में टॉयलेट, एलपीजी सब्सिडी और बिजली जैसे मुद्दे उठाए थे। पढ़िए, क्या है प्रधानमंत्री मोदी के पिछले 7 वादों की हकीकत...
पढ़ें: लाल किले से क्या बोलेंगे PM, लोगों ने दी सलाह, क्या मानेंगे मोदी?
1.
प्रधानमंत्री
जनधन
योजना:
प्रधानमंत्री
मोदी
ने
अपने
पिछले
भाषण
में
कहा
था,
'आजादी
के
60
साल
बाद
भी
देश
के
करीब
40
फीसदी
लोगों
के
पास
15
अगस्त
2014
तक
बैंक
अकाउंट
नहीं
था।
गरीबों
के
लिए
बैकों
के
दरवाजे
बंद
थे।
केंद्र
में
बीजेपी
की
सरकार
बनने
के
बाद
17
करोड़
लोगों
ने
प्रधानमंत्री
जन
धन
योजना
के
तहत
बैंकों
में
खाते
खोले।
ये
अकाउंट
जीरो
बैलेंस
पर
खोले
जा
सकते
हैं।'
प्रधानमंत्री
जनधन
योजना
के
तहत
अब
तक
22.8
करोड़
से
ज्यादा
बैंक
अकाउंट
खोले
जा
चुके
हैं।
इनमें
से
करीब
24
फीसदी
खातों
में
बिल्कुल
भी
पैसा
नहीं
था।
2015
के
बाद
उन
खातों
में
जमा
पैसे
में
85
फीसदी
की
बढ़ोतरी
हुई
है।
एक
साल
में
इन
खातों
में
पैसा
22033
करोड़
से
बढ़कर
40795
करोड़
रुपये
हो
गया
है।
2.
स्वच्छ
विद्यालय
अभियान:
पीएम
मोदी
ने
इस
साल
15
अगस्त
तक
देश
के
हर
स्कूल
में
लड़के-लड़कियों
के
लिए
अलग-अलग
टॉयलेट
बनाए
जाने
का
लक्ष्य
रखा
था।
सरकार
ने
दावा
किया
है
कि
यह
लक्ष्य
100
फीसदी
पूरा
हो
चुका
है।
हालांकि
एक
स्टडी
में
सामने
आया
है
कि
देश
के
2
लाख
62
हजार
स्कूलों
में
4.25
लाख
से
ज्यादा
टॉयलेट
बनाए
जाने
की
जरूरत
अभी
भी
है।
दिल्ली,
झारखंड
और
कर्नाटक
समेत
कई
राज्यों
में
स्कूलों
में
अभी
भी
टॉयलेट
नहीं
हैं।
3.
LGP
सब्सिडी
छोड़ने
की
मुहिम:
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
देश
की
जनता
से
अपील
की
थी
कि
जो
लोग
आर्थिक
रूप
से
सक्षम
हैं
वो
एलपीजी
पर
मिलने
वाली
सब्सिडी
छोड़
दें,
जिससे
गरीबी
रेखा
से
नीचे
जीवन
बिताने
वाले
लोगों
को
एलपीजी
कनेक्शन
दिए
जा
सकें।
पेट्रोलियम
मंत्रालय
की
ओर
से
जारी
आंकड़ों
के
मुताबिक,
अब
तक
1.4
करोड़
लोगों
ने
एलपीजी
सब्सिडी
छोड़ी
है।
केंद्र
ने
गरीबी
रेखा
से
नीचे
जीवन
बिताने
वाले
परिवारों
की
महिलाओं
को
एलपीजी
कनेक्शन
उपलब्ध
कराने
के
लिए
प्रधानमंत्री
उज्जवला
योजन
शुरू
की।
इसके
तहत
5
करोड़
कनेक्शन
दिए
जाने
का
लक्ष्य
रखा
गया
है।
अब
तक
10.76
लाख
कनेक्शन
दिए
जा
चुके
हैं।
पढ़ें: पीओके को पीएम मोदी ने बताया देश का अभिन्न अंग
सरकार ने दावा किया था कि लोगों के एलपीजी सब्सिडी छोड़ने से करीब 20 हजार करोड़ रुपये बचे हैं लेकिन हाल ही में 'द हिंदू' में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लोगों के एलपीजी सब्सिडी छोड़ने से सरकार ने सिर्फ 2000 करोड़ रुपये बचाए हैं। यह दावा कैग की रिपोर्ट के हवाले से किया गया है।
4.
गांवों
में
बिजली
पहुंचाने
की
मुहिम:
केंद्र
सरकार
ने
दावा
किया
है
कि
देश
के
98.1
फीसदी
गांवों
में
बिजली
पहुंचाई
जा
चुकी
है।
पिछले
भाषण
में
प्रधानमंत्री
मोदी
ने
वादा
किया
था
कि
अगले
1000
दिनों
में
देश
के
18500
गांवों
में
बिजली
पहुंचाई
जाएगी।
सेंट्रल
इलेक्ट्रिसिटी
अथॉरिटी
(CEA)
के
मुताबिक,
597,464
में
से
587,569
गांवों
में
बिजली
पहुंचाई
जा
चुकी
है।
यानी
कुल
9,895
गांव
अभी
भी
बिजली
रोशनी
से
दूर
हैं।
5.
सामाजिक
सुरक्षा
का
मुद्दा:
प्रधानमंत्री
मोदी
ने
सामाजिक
सुरक्षा
के
उद्देश्य
से
कई
अहम
योजनाओं
का
ऐलान
किया।
प्रधानमंत्री
सुरक्षा
बीमा
योजना
(PMSBY),
अटल
पेंशन
योजना
(APY)
और
प्रधानमंत्री
जीवन
ज्योति
योजना
(PMJJBY)
की
शुरुआत
भी
की
गई
है।
सरकार
की
ओर
से
जारी
आंकड़ों
के
मुताबिक,
अब
तक
अटल
पेंशन
योजना
के
तहत
20.7
लाख,
PMSBY
के
तहत
9.45
करोड़
और
PMJJBY
के
तहत
2.97
करोड़
लोग
लाभ
ले
रहे
हैं।
6.
ग्रामीण
विकास
का
वादा:
मोदी
सरकार
ने
गांवों
को
विकास
की
धारा
से
जोड़ने
की
भरपूर
कोशिश
की
है।
पिछले
बजट
में
सरकार
ने
कृषि
बजट
में
44
फीसदी
की
बढ़ोतरी
की
है।
किसानों
को
पानी
और
अच्छे
बीज
उपलब्ध
कराने
के
लिए
भी
सरकार
प्रयासरत
है।
प्राकृतिक
आपदाओं
की
वजह
से
खेती
में
होने
वाले
नुकसान
की
भरपाई
के
लिए
सरकार
ने
कई
योजनाएं
शुरू
की
हैं।
बीते
एक
दशक
में
किसानों
की
औसत
आमदनी
में
5
फीसदी
की
बढ़ोतरी
हुई
है।
पढ़ें: पीएम के भाषण के बाद भी रुक नहीं रहे हैं दलितों पर शोषण के मामले
7.
वन
रैंक
वन
पेंशन
योजना
(OROP):
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
अपने
पिछले
भाषणों
में
भी
OROP
का
जिक्र
किया।
उन्होंने
पिछली
सरकारों
पर
इस
मुद्दे
को
लटकाए
रखने
का
आरोप
लगाया।
वादे
के
मुताबिक,
मोदी
सरकार
ने
अप्रैल
2016
में
इस
स्कीम
को
लागू
करने
का
ऐलान
किया.
इसके
लागू
होने
से
सरकारी
खजाने
पर
करीब
10
हजार
करोड़
का
अतिरिक्त
बोझ
बढ़ा
है।
सरकार
ने
करीब
16
लाख
पेंशनधारियों
को
इस
स्कीम
के
तहत
पहला
भुगतान
भी
कर
दिया
है।
हालांकि
पूर्व
सैनिकों
ने
अपनी
कुछ
और
मांगें
रखी
हैं
जिन
पर
सरकार
आगे
भी
ध्यान
दे
रही
है।