मेरे फैसलों की चुकानी होगी बड़ी राजनीतिक कीमत, मैं तैयार हूं- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा है कि उन्होंने जो कदम उठाए हैं, उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। पीएम आज Hindustan Times Leadership Summit 2017 में भाषण दे रहे थे। पीएम मोदी ने कहा कि 'जिस दिन देश में ज्यादातर खरीद-फरोख्त, पैसे के लेन-देन का एक तकनीकी और डिजिटस एड्रेस होने लग गया, उस दिन से संगठित भ्रष्टाचार काफी हद तक थम जाएगा। मुझे पता है, इसकी मुझे राजनीतिक तौर पर कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन उसके लिए भी मैं तैयार हूं।' इस दौरान उन्होंने कहा कि' ये भारत की बढ़ती हुई साख और बढ़ते हुए विश्वास का परिणाम है कि आज विदेश में रह रहे करोड़ों भारतीय अपना माथा और ऊँचा करके बात कर रहे हैं। जब विदेश में 'अबकी बार कैमरन सरकार' और 'अबकी बार ट्रंप सरकार' के नारे गूंजते हैं, तो ये भारतीयों के सामर्थ्य की स्वीकृति होती है।' पीएम ने कहा कि' जब योग को संयुक्त राष्ट्र में सर्वसम्मति से मान्यता मिलती है, तब उसका अपरिवर्तनीय उदय दिखता है। जब भारत की पहल पर अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का गठन होता है, तब उसका अपरिवर्तनीय उदय दिखता है।'
अब तो रुकना नहीं है, आगे ही बढ़ते जाना है
उन्होंने कहा कि 'आज वैश्विक स्तर पर भारत कहां खड़ा है, किस स्थिति में है, आप उससे भली-भांति परिचित हैं। बड़े हों या छोटे, दुनिया के ज्यादातर देश आज भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहते हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत अपना प्रभाव लगातार बढ़ा रहा है। अब तो रुकना नहीं है, आगे ही बढ़ते जाना है।'
2014 में जब हम आए तो हमें विरासत में क्या मिला था?
मोदी ने कहा कि '2014 में जब हम आए तो हमें विरासत में क्या मिला था? अर्थव्यवस्था की हालत, गवर्नेंस की हालत, फिस्कल ऑर्डर और बैंकिंग सिस्टम की हालत, सब बिगड़ी हुई थी। हमारा देश फ्रैजिल फाईव में गिना जाता था।' उन्होंने कहा कि' बड़े और स्थाई परिवर्तन ऐसे ही नहीं आते उसके लिए पूरे सिस्टम में बदलाव करने पड़ते हैं। जब ये बदलाव होते हैं तभी देश सिर्फ तीन साल में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैकिंग में 142 से 100 पर पहुंच जाता है।'
साधन वही हैं, संसाधन वहीं हैं, लेकिन ...
उन्होंने कहा कि 'जब योजनाओं में गति होती है, तभी देश में प्रगति आती है। कुछ तो परिवर्तन आया होगा जिसकी वजह से सरकार की तमाम योजनाओं की स्पीड बढ़ गई है। साधन वही हैं, संसाधन वहीं हैं, लेकिन सिस्टम में रफ्तार आ गई है। ऐसा हुआ है क्योंकि सरकार ब्यूरोक्रेसी में एक नई कार्यसंस्कृति विकसित कर रही है।'
आधार पर पीएम मोदी ने कहा कि ...
आधार पर पीएम मोदी ने कहा कि 'ऐसे ही एक अपरिवर्तनीय बदलाव को आधार नंबर से मदद मिल रही है। आधार एक ऐसी शक्ति है जिससे ये सरकार गरीबों के अधिकार को सुनिश्चित कराना चाहती है। सस्ता राशन, स्कॉलरशिप, दवाई का खर्च, पेंशन, सरकार की तरफ से मिलने वाली सब्सिडी, गरीबों तक पहुंचाने में आधार की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि 'आधार के साथ मोबाइल और जनधन की ताकत जुड़ जाने से एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण हुआ है, जिसके बारे में कुछ साल पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। पिछले 3 वर्षों में आधार की मदद से करोड़ों फर्जी नाम सिस्टम से हटाए गए हैं। अब बेनामी संपत्ति के खिलाफ भी ये एक बड़ा हथियार बनने जा रहा है। '
नोटबंदी के बाद देश में व्यवहारिक परिवर्तन
नोटबंदी पर पीएम ने कहा कि 'नोटबंदी के बाद देश में व्यवहारिक परिवर्तन आया है। स्वतंत्रता के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब भ्रष्टाचारियों को कालेधन के लेन-देन से पहले डर लग रहा है। उनमें पकड़े जाने का भय आया है। जो कालाधन पहले पैरेलल इकॉनॉमी का आधार था, वो औपचारिक अर्थव्यवस्था में आया है।' पीएम ने कहा कि 'हमारे यहां जो सिस्टम था उसने भ्रष्टाचार को ही शिष्टाचार बना दिया था। 2014 में देश के सवा सौ करोड़ों ने इस व्यवस्था को बदलने के लिए वोट दिया था, वोट दिया था देश को लगी बीमारियों के परमानेंट इलाज के लिए, उन्होंने वोट दिया था न्यू इंडिया बनाने के लिए।'
समग्र दृष्टिकोण के साथ फैसले लिए
पीएम ने कहा कि 'हमारी सरकार में समग्र दृष्टिकोण के साथ फैसले लिए जाते हैं। इस तरह के फैसले पहले नहीं लिए जा रहे थे, इसलिए देश का हर व्यक्ति चिंता में था। वो देश को आंतरिक बुराइयों से मुक्त देखने के साथ ही, नई व्यवस्थाओं के निर्माण को भी होते हुए देखना चाहता था।' उन्होंने कहा कि 'अब तक बांस को देश के एक कानून में पेड़ माना जाता था। इस वजह से बांस काटने को लेकर किसानों को बहुत दिक्कत आती थी। अब सरकार ने बांस को पेड़ की लिस्ट से हटा दिया है। इसका फायदा देश के दूर-दराज इलाके और खासकर उत्तर पूर्व के किसानों को होगा'
लीकेज की गुंजाइश कम से कम हो
उन्होंने कहा कि 'इस सरकार के लिए भ्रष्टाचार मुक्त, नागरिक केंद्रित और विकास केंद्रित प्रणाली सबसे बड़ी प्राथमिकता है। नीतियों पर आधारित, तकनीक पर आधारित, पारदर्शिता पर आधारित एक ऐसा प्रणाली जिसमें गड़बड़ी होने की, लीकेज की, गुंजाइश कम से कम हो।' पीएम ने कहा कि 'देश के 15 करोड़ से ज्यादा गरीब सरकार की बीमा योजनाओं से जुड़ चुके हैं। इन योजनाओं के तहत गरीबों को लगभग 1800 करोड़ रुपए की दावे की राशि दी जा चुकी है। इतने रुपए किसी और सरकार ने दिए होते तो उसे मसीहा बनाकर प्रस्तुत कर दिया गया होता. ये भी एक सच है जिसे मैं स्वीकार करके चलता हूं।'
LED बल्ब का जिक्र
LED बल्ब का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि 'पहले की सरकार में जो LED बल्ब 300-350 का बिकता था, वो अब एक मध्यम वर्ग के परिवार को लगभग 50 रुपए में उपलब्ध है। उजाला योजना शुरू होने के बाद से देश में अब तक लगभग 28 करोड़ LED बल्ब बिक चुके हैं। इन बल्बों से लोगों को 14 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की अनुमानित बचत हो चुकी है।' उन्होंने पूर्व की सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि 'पहले ही सरकारों को ऐसा करने से किसी ने रोक रखा था या नहीं, ये मैं नहीं जानता। लेकिन इतना जानता हूं कि सिस्टम में स्थाई परिवर्तन लाने फैसले लेने से, देशहित में फैसला लेने से, किसी के रोके नहीं रुकेंगे। इसलिए इस सरकार की अप्रोच इससे बिल्कुल अलग है।'