राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विदाई भाषण में दी सीख- विरोध करें लेकिन गांधीवादी तरीके से
Ramnath Kovind farewell speech said -the parties should rise above party politics in the national interest
नई दिल्ली, 23 जुलाई: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को संसद के सेंट्रल हॉल में अपने विदाई स्पीच दी। कोविंद ने पार्टियों से राष्ट्रहित में दलगत राजनीति से ऊपर उठने कहा। उन्होंने यह तय करने को कहा कि लोगों के कल्याण के लिए क्या आवश्यक है।
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बता दें निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी। वह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर काबिज होने वाली पहली आदिवासी महिला होंगी।
कोविंद जिसका राष्ट्रपति कार्यकाल रविवार को समाप्त हो रहा उन्होंने शांति और सद्भाव के मूल्य पर जोर देते हुए कहा कि लोगों को अपने लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए विरोध करने और दबाव बनाने का अधिकार है, लेकिन उनके तरीके गांधीवादी होने चाहिए। राष्ट्रपति की ये टिप्पणी ऐसे समय में महत्वपूर्ण हो जाती है जब कई मुद्दों पर विपक्ष के विरोध के कारण संसदीय कार्यवाही अक्सर बाधित होती है।
कोविंद ने कहा कि वह हमेशा खुद को बड़े परिवार का हिस्सा मानते हैं, जिसमें संसद के सदस्य भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार की तरह कई बार उनके बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उन्हें देश के व्यापक हितों के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला निवर्तमान राष्ट्रपति को विदाई देने के लिए समारोह में शामिल हुए, जिनका कार्यकाल रविवार को समाप्त हो रहा है।