राजस्थान सियासी संकट: राज्यपाल ने लौटाया CM गहलोत का प्रस्ताव, विधानसभा सत्र के लिए नहीं दी स्वीकृति
नई दिल्ली। राजस्थान में जारी सियासी संग्राम को लगभग एक महीना पूरा होने जा रहा है लेकिन अभी तक राज्य की गहलोत सरकार इस संकट से खुद को बाहर नहीं निकाल पाई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र के पास भेजा लेकिन सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव सीएम अशोक गहलोत को लौटा दिया। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक राज्यपाल ने अभी तक सत्र के लिए स्वीकृति नहीं दी है।
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गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब राज्यपाल कलराज मिश्र ने सीएम गहलोत के कैबिनेट के प्रस्ताव को लौटाया हो इससे पहले भी दो बार प्रस्ताव को वापस भेजा जा चुका है। इस सिलसिले में अब खुद सिएम अशोक गहलोत राज्यपाल से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे हैं। सीएम ने कहा कि वो क्या चाहते हैं, इसी बात को जानने के लिए मैं जा रहा हूं। बता दें कि राजस्थान में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बागी तेवर अपनाने के बाद राज्य में कांग्रेस की गहलोत सरकार 31 जुलाई तक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर अड़ी हुई है। लेकिन राज्यपाल की तरफ से जारी किए गए प्रपत्र में कहा गया है कि वो 21 दिनों का नोटिस जारी कर सत्र बुलाएं।
बता दें कि मंगलवा को इस सिलसिले में सीएम गहलोत के निवास पर कैबिनेट की बैठक हुई थी, जिसमें विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल की आपत्तियों पर चर्चा की गई। गौरतलब है कि राजभव ने राज्य सरकार से पूछा है कि विधानसभा सत्र बुलाने और कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए उसका आयोजन किस प्रकार किया जाएगा। क्या कोई ऐसी व्यवस्था है, जिसमें 200 विधायकों के अलावा 1000 से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों के जुटने पर कोरोना संक्रमण का खतरा न हो।
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