राजस्थान: राज्यपाल ने गहलोत को लिखा- मैं हैरान हूं, ऐसी बात तो कोई सीएम नहीं करता
नई दिल्ली। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने सीएम अशोक गहलोत के राजभवन घेराव की बात कहने और विधायकों के धरने को लेकर सवाल किए हैं। राज्यराल मिश्र ने गहलोत को लिखी चिट्ठी में कहा है, इससे पहले कि मैं विधानसभा सत्र बुलाने के संबंध में विशेषज्ञों से चर्चा करूं, आपने सार्वजनिक तौर पर राजभवन के घेराव की बात कही, आपने कहा कि घेराव होता है तो आपकी जिम्मेदारी नहीं है। राज्यपाल ने सीएम से सवाल किया है कि फिर ये किसकी जिम्मेदारी है? अगर आप और आपका गृह मंत्रालय राज्यपाल की सुरक्षा नहीं कर सकते हैं तो फिर राज्य के कानून और व्यवस्था के बारे में तो क्या ही बात करनी है। राज्यपाल की सुरक्षा के लिए किस एजेंसी से संपर्क किया जाना चाहिए? मैंने कभी किसी सीएम को ऐसा बयान देते नहीं सुना है।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार शाम कांग्रेस विधायकों के राजभवन में धरने पर भी नाराजगी जताई है। राज्यपाल ने गहलोत से सवाल किया है कि विधायक राजभवन में आकर धरना शुरू कर देते हैं, क्या ये विरोध की गलत परंपरा की शुरुआत नहीं है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात के बाद विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग को लेकर वहीं धरने पर बैठ गए थे। कई घंटे तक गहलोत खेमे के विधायकों ने नारेबाजी करते हुए धरना दिया। रात करीब आठ बजे कांग्रेस विधायकों ने धरना खत्म किया। इससे पहले अशोक गहलोत ने कहा कि हमने कल पत्र भेजकर राज्यपाल से विधानसभा का सत्र बुलाने का निवेदन किया था लेकिन वह ऊपर से दबाव की वजह से सत्र बुलाने का निर्देश नहीं दे रहे। ऐसे में अगर प्रदेश की जनता राजभवन को घेरने आ गयी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी। गहलोत के इसी बयान को लेकर राज्यपाल ने उनको लिखा है।
सीएम गहलोत और कांग्रेस के सत्र बुलाने को लेकर सवालो पर राजस्थान राज्यपाल सचिवालय की ओर से कहा गया है कि 23 जुलाई की रात को राज्य सरकार ने शॉर्ट नोटिस पर विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए एक पेपर प्रस्तुत किया था। पेपर का विश्लेषण किया गया और कानूनी विशेषज्ञों से इस पर सलाह ली गई थी। शॉर्ट नोटिस पर सत्र आयोजित करने का कोई औचित्य नहीं है और ना ही इसके लिए कोई एजेंडा प्रस्तावित है। सामान्य प्रक्रियाओं के अनुसार सत्र के लिए 21 दिन के नोटिस की आवश्यकता होती है। राज्य सरकार को सभी विधायकों की स्वतंत्रता और मूवमेंट को सुनिश्चित करना चाहिए।
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