Rajasthan Assembly elections 2018: कांग्रेस की उम्मीदवारों की लिस्ट ने राहुल के दावों की खोली पोल
नई दिल्ली। एक के बाद एक जिस तरह से तमाम बड़े राज्य कांग्रेस के हाथ से पिछले कुछ सालों में फिसलते चले गए उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर से पार्टी को मजबूत करने का फैसला लिया और तमाम चुनावी रैलियों में पार्टी के भीतर बड़े सुधार की बात कही। राहुल गांधी ने दावा किया कि वह पार्टी के भीतर वंशवाद, पैराशूट उम्मीदवारों और अपराधियों को पार्टी से दूर करेंगे और उन्हें चुनाव में टिकट नहीं देंगे। लेकिन जिस तरह से राजस्थान में कांग्रेस ने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है उसमे नामों की लिस्ट को देखकर साफ कहा जा सकता है कि राहुल गांधी के तमाम दावे हवाई हवाई साबित हुए और लोगों से किया वायदा खोखला साबित हुआ।
पैराशूट उम्मीदवारों को मिला टिकट
राहुल गांधी ने वायदा किया था कि वह पार्टी में उन्हीं लोगों को टिकट देंगे जो पांच साल से कांग्रेस के साथ हैं या फिर जिन लोगों ने कांग्रेस को मजबूत करने में अपनी जिंदगी खपा दी है। लेकिन कुछ ही घंटे पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हरीण मीणा को देवली-उनियारा से और हबीबुर्रहमान को नागौर से टिकट देकर कांग्रेस ने साबित कर दिया है कि चुनावी भाषण महज लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए होते हैं। यही नहीं 2013 में पार्टी की हार का कारण बने मनीष यादव को शाहपुर से, राजकुमार शऱ्मा को नवलगढ़ से और सोना देवी बावरी को रायसिंह नगर से टिकट दिया गया है।
अपराधियों के रिश्तेदारों को मिला टिकट
वहीं अपराधियों को टिकट नहीं देने और उन्हें पार्टी से दूर करने के राहुल गांधी के दावे की बात करें तो पार्टी ने भंवरी देवी हत्याकांड में जेल में बंद महीपाल मदेरणा और मलखान सिंह बिश्वनोई की बेटी और बेटे को टिकट दे दिया है। दिव्या मदेरणा को पार्टी ने आसियां से और महेंद्र बिश्नोई को लूणी से टिकट दिया गया है। ऐसे में अपराधियों को कांग्रेस से दूर करने का राहुल गांधी का चुनावी वायदा धरा रह गया और इन उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने के बाद पार्टी की हकीकत एक बार फिर से सामने आ गई है।
7 दिसंबर को चुनाव
आपको बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी, जिसमे कुल 152 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। इस लिस्ट में तमाम दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के नाम शामिल हैं। राजस्थान विपक्ष के नेता सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी उम्मीदवार बनाया गया है। गौरतलब है कि राजस्थान में 7 दिसंबर को विधानसभा चुनाव होना है। प्रदेश में विधानसभा की कुल 200 सीटें हैं। यहां मतों की गणना 11 दिसंबर को होगी।
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