Lockdown: यूपी-बिहार के प्रवासी मजदूरों के लिए रेलवे ने चलाई 80 फीसदी ट्रेनें
नई दिल्ली: सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन में बड़ी संख्या में लोग दूसरे राज्यों में फंस गए थे। जिसके लिए रेलवे ने विशेष ट्रेनों का संचालन शुरू किया। अब तक रेलवे की ओर से 2600 ट्रेनों का संचालन हुआ है, जिससे 35 लाख से ज्यादा मजदूरों ने घर वापसी की है। मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा राहत देने के लिए अब केंद्र सरकार ने रोजाना श्रमिक ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर 200 कर दी है।
मामले में जानकारी देते हुए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी मजदूरों के लिए 80% ट्रेनें चलाई गई हैं। एक मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू की गईं। जिनका संचालन अभी भी जारी है। इस ट्रेन में सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन और पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रेनों और स्टेशनों पर सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन हो रहा है। लॉकडाउन के बाद सामान्य स्थिति की ओर लौटने के प्रयास में रेल मंत्रालय एक जून से 200 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चलाएगा। इसके साथ ही अगले 10 दिनों के लिए लगभग 2600 ट्रेनें निर्धारित की गई हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी राज्य सरकार को आवश्यकता होती है, तो हम राज्य के भीतर ट्रेनें चलाने के लिए भी तैयार हैं।
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विनोद कुमार यादव के मुताबिक अब रिजर्वेशन के बिना या वेटिंग टिकट पर यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं आरएसी टिकटों के कंफर्म होने की भी संभावना ज्यादा रहेगी। ताकी ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। उन्होंने बताया कि रेलवे अपने किराए में बढ़ोतरी नहीं करेगा। जो किराया लॉकडाउन के पहले थे, वो ही किराया फिर से लागू होगा। विनोद यादव के मुताबिक कोरोना से लड़ाई में रेलवे भी अहम भूमिका निभा रहा है। अब तक 17 रेलवे अस्पतालों को कोविड-19 स्पेशल अस्पताल में तब्दील किया गया है। इसके साथ ही 33 आइसोलेशन वार्ड और 10,500 बेड की व्यवस्था क्वारंटाइन के लिए की गई है।