'मेरे दिमाग में कोई कन्फ्यूजन नहीं है...', फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनने के सवाल पर राहुल गांधी ने तोड़ी चुप्पी
नई दिल्ली, 09 सितंबर। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के तीसरे दिन राहुल गांधी ने तमिलनाडु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी से जब पूछा गया कि कांग्रेस का अध्यक्ष आप दोबारा से बनेंगे? इस पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं कांग्रेस का अध्यक्ष बनूंगा या नहीं, यह तब स्पष्ट हो जाएगा जब अध्यक्ष पद का चुनाव होगा। मैंने स्पष्ट रूप से तय कर लिया है कि मैं क्या करूंगा, मेरे मन में कोई भ्रम नहीं है। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अध्यक्ष पद के लिए चुनाव अक्टूबर में होने हैं। मेरे दिमाग में बिल्कुल भी भ्रम नहीं है।
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Whether I become president (of Congress) or not will become clear when the elections for the president post take place...I have very clearly decided what I will do, there is no confusion in my mind: Congress MP Rahul Gandhi, in Tamil Nadu pic.twitter.com/wPFFlgf02R
— ANI (@ANI) September 9, 2022
राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा राजनीतिक तत्व है। ऐसे में जाहिर है कि यह कांग्रेस की यात्रा है। बावजूद मैंने इसमें शामिल होने का फैसला किया, क्योंकि मैं पार्टी की विचारधारा में विश्वास करता हूं। मैं इस यात्रा में इसलिए भी शामिल हुआ, ताकि इस खूबसूरत देश से मैं दो-चार चीजें सीख सकूं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि दो-तीन महीने बाद, मैं थोड़ा समझदार भी हो जाऊंगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा की शुरुआत भारत को "भाजपा और आरएसएस द्वारा किए गए नुकसान को कम करने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि 150 दिनों तक चलने वाले इस जनसंपर्क अभियान से कांग्रेस पार्टी को मदद भी मिलेगी।
राहुल गांधी ने कहा कि 3570 किलोमीटर लंबे पैदल मार्च के साथ कांग्रेस का लक्ष्य अगले कुछ महीनों में 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करना है। अभियान - 2024 के राष्ट्रीय चुनावों पर नज़र रखने के साथ शुरू किया गया है। अभियान का मुख्य उद्देश्य पार्टी के जमीनी स्तर के जुड़ाव को मजबूत करना है।
भाजपा
पर
भी
बोला
हमला
प्रेस
कॉन्फ्रेंस
के
दौरान
राहुल
गांधी
ने
भाजपा
पर
भी
हमला
बोला।
उन्होंने
कहा
कि
भाजपा
ने
इस
देश
के
सभी
संस्थानों
को
अपने
नियंत्रण
में
ले
लिया
है
और
उनके
माध्यम
से
दबाव
डाला
है।
हम
अब
एक
राजनीतिक
दल
नहीं
लड़
रहे
हैं।
ऐसे
में
अब
यह
लड़ाई
भारतीय
राज्य
और
विपक्ष
की
संरचना
के
बीच
है।
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