राहुल गांधी को नहीं मिला भाई वरुण का साथ, लंदन विवाद पर कसा 'तंज'
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी बिना नाम लिए राहुल गांधी के लंदन वाले बयान पर कटाक्ष कर दिया है। उन्होंने अपने ऑक्सफोर्ड वाले मामले से जोड़ते हुए इस अपमानजनक कृत्य बताया है।
बीजेपी सांसद वरुण गांधी को ऑक्सफोर्ड यूनियन की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ बहस में भाग लेने के लिए बुलाया गया। लेकिन, उन्होंने इस प्रस्ताव को यह कहकर ठुकरा दिया कि सरकारी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए देश में पर्याप्त मंच उपलब्ध है और इसका उपयोग सकारात्मक समाधान के लिए बखूबी किया भी जाता है। लेकिन, विदेशी मंच पर हम अपने घरेलू मुद्दे क्यों उठाएं। दूसरे देशों को हम अपने मामलों में घुसने का मौका क्यों दें। लेकिन, अब उन्होंने राहुल गांधी का बिना नाम लिए कटाक्ष कर दिया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर घरेलू मसला उठाना 'अपमानजनक कार्य' है। गौरतलब है कि राहुल इसी वजह से अभी भाजपा के निशाने पर हैं।
ऑक्सफोर्ड का निमंत्रण ठुकराने के बाद वरुण गांधी का तंज
वरुण गांधी ने ऑक्सफोर्ड से मोदी सरकार के खिलाफ बहस में भाग लेने का निमंत्रण इसलिए ठुकरा दिया था कि वह घरेलू मसले को घर में ही उठाने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने ऑक्सफोर्ड को भेजे जवाब में यही कहा था। शायद वरुण ने जब ऐसा जवाब दिया था तो उनके चचेरे भाई राहुल गांधी के लंदन में दिए गए विवादित बयान पर हंगामा नहीं शुरू हुआ था। लेकिन, अब जब यह मामला बहुत बड़ा मुद्दा बना हुआ है, तब शुक्रवार को वरुण गांधी ने अपना वही नजरिया फिर से दोहराया है, जिसे राहुल के खिलाफ तंज माना जा रहा है।
राहुल पर वरुण का तंज ? 'एक अपमानजनक कृत्य'
शुक्रवार को वरुण गांधी ने एक ट्वीट में लिखा है, 'भारत की पसंद और चुनौतियों को अंतरराष्ट्रीय जांच के लिए छोड़ना उनके लिए 'एक अपमानजनक कृत्य' है।' उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि 'भारतीय राजनीति नियमित रूप से आलोचनाओं और सकारात्मक सुझावों का अवसर उपलब्ध कराती है।' यह राहुल गांधी के लंदन में प्रकट किए गए विचारों और लगाए गए गंभीर आरोपों के ठीक उलट है। वरुण ने यह भी लिखा है कि 'मैंने ऑक्सफोर्ड यूनियन की ओर से भेजे गए बहस के निमंत्रण को ठुकरा दिया है।'
वरुण को ऑक्सफोर्ड का टॉपिक पंसद नहीं आया
दरअसल, ऑक्सफोर्ड ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से बीजेपी सांसद को एक टॉपिक पर बहस के लिए बुलावा भेजा था, जिसमें उन्हें मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ अपने विचार रखने थे। लेकिन, ऑक्सफोर्ड को भेजे जवाब में वरुण ने लिखा था कि उन्हें लगता कि जिस टॉपिक को चुना गया है, उसमें बहस करने या उसपर आपत्ति जताने के लिए ज्यादा कुछ स्कोप नहीं है।
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बीजेपी सरकार के निशाने पर हैं राहुल गांधी
वैसे तो वरुण गांधी ट्विटर पर केंद्र और भाजपा शासित राज्यों की सरकारों की नीतियों के खिलाफ काफी सक्रिय रहे हैं। लेकिन, अबकी बार उन्होंने अपने भाई पर बिना नाम लिए तब निशाना साधा है, जब बीजेपी ने उनके खिलाफ चौतरफा मोर्चा खोल रखा है और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में कही गई बातों पर बिना माफी मांगे सदन में बोलने का मौका नहीं देने के लिए अड़ी हुई है। राहुल गांधी पर बीजेपी और सरकार विदेश की धरती पर भारतीय लोकतंत्र, न्यायपालिका और प्रधानमंत्री का अपमान करने का आरोप लगा रही है।
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वरुण के कांग्रेस में जाने की भी चर्चा हो चुकी है
वरुण गांधी के तेवरों को देखते हुए कुछ समय पहले तक उनके कांग्रेस में जाने की भी अटकलें लगने लगी थीं। लेकिन, खुद राहुल गांधी ने एक तरह से ऐसी कयाबाजियों पर ब्रेक लगा दिया था। अब वरुण ने उनपर कटाक्ष करके फिलहाल के लिए ऐसी सबी संभावनाओं पर पूरी तरह से विराम लगा दिया है। गौरतलब है कि मोदी सरकार के मंत्री राहुल गांधी पर विदेश में झूठ बोलने के आरोप लगा रहे हैं। कानून मंत्री किरेन रिजिजू का तो आरोप है कि कांग्रेस नेता उसी भाषा में बात करते है, जैसे 'भारत-विरोधी ताकतें' करती हैं। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने तो राहुल के बयान की जांच के लिए एक विशेष समिति बनाने तक की मांग की है, जिससे उनकी लोकसभा की सदस्यता समाप्त किए जाने में मदद मिल सकती है।