रघुराम राजन ने वापस भारत लौटने पर कहा, अच्छा अवसर मिलने पर लौटूंगा
नई दिल्ली: रिज़र्व बैंक ऑफं इंडिया के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने भारत लौटने पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कोई अवसर मिलता है तो भारत जरूर लौटेंगे। राजनीतिक गलियारों में ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगर महागठबंधन 2019 में सरकार बनाने में सफल होता है तो वो रघुराम राजन को केंद्रीय वित्त मंत्री का पद दे सकते हैं। उन्होंने ये भी बताया कि ऐसे में उनकी प्राथमिकताएं क्या होंगी।
'मेरे लायक कोई अवसर होगा तो लौटूंगा'
गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री को मोदी सरकार ने रिज़र्व बैंक गवर्नर के रूप में उनके कार्यकाल को नहीं बढ़ाया था। उन्होंने कहा कि वह जहां इस समय हैं वहां बहुत खुश हैं। राजन ने मंगलवार शाम को अपनी नई किताब ‘द थर्ड पिलर'के विमोचन करने पर कहा कि मैं जहां हूं, बहुत खुश हूं। लेकिन अगर मेरे लायक कोई अवसर आता है,तो मैं हमेशा वहां रहना चाहूंगा। राजन वर्तमान में अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में फाइनेंस विषय के प्रोफेसर को अध्यापन का काम कर रहे है। राजन ने ये जबाव दिया तब दिया जब उनसे सवाल पूछा गया कि क्या वो सार्वजनिक सेवा या राजनीतिक भूमिका में भारत लौटना चाहेंगे।
महागठबंधन बना सकता है वित्त मंत्री
राजनीति के गलियारों में इस बात की अटकले हैं कि महागठबंधन के सत्ता में आने पर वो वित्त मंत्री के लिए पहली पसंद हो सकते हैं। महागठबंधन में तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बीएसपी और टीडीपी जैसे विपक्षी दल अप्रैल मई में प्रस्तावित आम चुनाव जीतने पर ये फैसला ले सकते हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा था कि राजन टॉप अर्थशास्त्रियों में से एक हैं और उनकी पार्टी ने न्यूनतम आय योजना(NYAY) तैयार करते समय उनकी सलाह ली है। कांग्रेस पार्टी ने वादा किया है कि केंद्र में सरकार बनाने पर वो देश के 5 करोड़ गरीब परिवारों को सालाना 72,000 रुपये देगी। ये पैसा गृहणी के खाते में सीधे डाला जाएगा।
'अभी इस बारे में चर्चा करना जल्दबाजी'
सीएनबीसी टीवी 18 को दिए एक इंटरव्यू में रघुराम राजन ने कहा कि अभी इस बारे में चर्चा करना बहुत जल्दबाजी है कि सत्ता में आने वाला कोई भी दल सरकार बनाने पर उनसे महत्वपूर्ण पद लेने के लिए संपर्क करता है तो वे क्या करेंगे। उन्होंने कहा आगे कहा कि मुझे वास्तव में लगता है कि भारत के लिए ये चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है और हमें नए सुधारों की जरूरत है। अगर कोई सुनता है तो हम कोशिश कर रहे हैं कि इसे व्यापक तौर पर किया जाए। राजन आरबीआई के 23 वें गर्वनर थे। उनका कार्यकाल सितंबर 2013 से सितंबर 2016 तक था। वो आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री और डॉयरेक्टर ऑफ रिसर्च हैं।
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी की न्याय योजना को लेकर रघुराम राजन ने चेताया