आंदोलनकारी किसानों का साथ देने के लिए ट्रैक्टरों पर सवार होकर दिल्ली की ओर रवाना हुई किसान मजदूर संघर्ष कमेटी
दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानून के विरोध में कई महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों का साथ देने के लिए पंजाब की किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सदस्य बड़ी तादाद में आज टैक्टरों पर सवार होकर दिल्ली की ओर रवाना हुए।
नई दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानून के विरोध में कई महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों का साथ देने के लिए पंजाब की किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सदस्य बड़ी तादाद में आज टैक्टरों पर सवार होकर दिल्ली की ओर रवाना हुए। उनमें से एक किसान ने कहा कि, 'हम सिंघू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों का साथ देने के लिए दिल्ली जा रहे हैं। जो वहां पर लंबे समय से विरोध कर रहे हैं वे अब वापस आएंगे और अगले 20 दिनों तक हम वहां बैठेंगे। 5 अप्रैल को कुछ और लोग फिरोजपुर से वहां पहुंचेंगे।'
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मालूम हो कि किसानों के हित के लिए केंद्र सरकार द्वारा लागू किए तीनों कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर लंबे वक्त से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और केंद्र सरकार के बीच इन कानूनों में संशोधन को लेकर कई बार बातचीत हो चुकी है लेकिन वह बेनतीजा रही है।
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वहीं, भारतीय किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक आंदोलन जारी रहेगा। जबकि केंद्र सरकार कृषि कानूनों में संशोधन करने को तो तैयार है लेकिन इन्हें वापस लेने के मूड में दिखाई नहीं दे रही है।
कृषि कानूनों को लेकर किसानों का कहना है कि इनके लागू होने से सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म कर देगी और सरकारी मंडियां भी समाप्त हो जाएगीं। इसके अलावा कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग से किसानों की जमीनें व्यापारियों के हाथों में चली जाएंगी।