जम्मू-कश्मीर: प्रदर्शनकारियों पर सरकार करेगी ये कार्रवाई, राज्यपाल ने दी हरी झंडी
राज्य सरकार की तरफ से आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह अध्यादेश व्यक्तियों और संगठनों के नुकसान पहुंचाने वाली उन गतिविधियों को रोकेगा जिनसे सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचता है
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों की खैर नहीं होगी। जम्मू-कश्मीर में लागू हुए नए अध्यादेश के तहत हड़ताल या प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई प्रदर्शनकारियों से वसूल की जाएगी। नए अध्यादेश के तहत सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान करने पर प्रदर्शनकारियों पर जुर्माने के साथ-साथ उन्हें 5 साल की सजा का भी प्रावधान है। राज्यपाल एन.एन. वोहरा से अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद राज्य में जम्मू ऐंड कश्मीर पब्लिक प्रॉपर्टी (प्रिवेंशन ऑफ डैमेज) (अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस, 2017 लागू हो गया है।
राज्य सरकार की तरफ से आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह अध्यादेश व्यक्तियों और संगठनों के नुकसान पहुंचाने वाली उन गतिविधियों को रोकेगा जिनसे सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचता है। एक अधिकारी के मुताबिक इस अध्यादेश को 2 उद्देश्यों के लिए लाया गया है। पहला उद्देश्य यह कि सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना दंडनीय होगा और दूसरा यह कि ऐसे अपराधों को अंजाम देने के लिए उकसाने वाले सीधे-सीधे अपराध के लिए जिम्मेदार होंगे।
अब जम्मू-कश्मीर में बंद, हड़ताल, प्रदर्शन या किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन के दौरान अगर सावर्जनिक के साथ-साथ निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचता है तो बंद या प्रदर्शन के लिए आह्वान करने वालों को 2 से 5 पांच साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा उनपर संपत्ति को पहुंचे नुकसान के बाजार कीमत के बराबर जुर्माना लगाया जाएगा।
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