लोकसभा चुनाव 2019: साबरकंठा लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: गुजरात की साबरकंठा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा के दीपसिंह शंकरसिंह राठौड़ हैं। उन्होंने साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के कद्दावर नेता शंकर सिंह वाघेला को 84,445 वोटों के अंतर से हराया था। दीपसिंह शंकरसिंह राठौड़ को यहां पर 552,205 वोट मिले थे तो वहीं वाघेला को 467, 750 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। वाघेला की हार कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका थी। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर कांग्रेस और नंबर 3 पर बसपा थी, उस साल यहां पर कुल मतदाताओं की संख्या 16,15,840 थी, जिसमें से मात्र 10,94,002 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था, जिसमें से पुरुषों की संख्या 5,87,807 और महिलाओं की संख्या 5,06,195 थी।
साबरकंठा लोकसभा सीट का इतिहास
साल 1951 में यहां पहली बार आम चुनाव हुए थे , जिसे कि कांग्रेस ने जीता था और यहां से भारत के पूर्व कार्यवाहक प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा सांसद चुने गए थे। वो लगातार तीन बार यहां के सांसद पद पर रहे, काग्रेस का राज यहां पर साल 1973 तक रहा तो वहीं साल 1977 में यहां पर जनता पार्टी ने अपनी विजय पताका फहराई लेकिन 1980 के चुनाव में यहां पर कांग्रेस की वापसी हुई। साल 1984 के चुनाव में यहां पर जनता पार्टी जीती और इसके बाद 1989 में यहां पर जनता दल का राज रहा, साल 1991 में यहां पहली बार भाजपा को सफलता मिली लेकिन 1996 में यहां कांग्रेस ने बंपर रूप से वापसी की और निशा चौधरी यहां से सांसद चुनी गईं वो लगातार तीन बार यहां के सांसद पद पर रहीं। इसके बाद साल 2001 और 2004 में यहां से मुधुसूदन मिश्री कांग्रेस के टिकट पर जीतकर लोकसभा पहुंचे। साल 2009 के चुनाव में भाजपा ने यहां पर कांग्रेस के विजय रथ को रोका और तब से उसका राज यहां पर बरकरार है। साल 2014 में यहां से दीपसिंह शंकरसिंह राठौड़ जीतकर लोकसभा पहुंचे।
साबरकंठा लोकसभा सीट, परिचय- प्रमुख बातें-
साबरकांठा जिला, गुजरात के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के अंतर्गत आता है, इसका मुख्यालय हिम्मतनगर है, जिले में 6 नगरपालिकाएं है और 7 विधान सभा क्षेत्र जो की साबरकांठा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आते है ,यहां 712 ग्राम और 436 ग्राम पंचायते भी है। ब्रिटिश काल में साबरकांठा विजयनगर राज्य की राजधानी हुआ करता था। यह अपने 'चित्र-विचित्र' मेले के लिए पूरे भारत में मशहूर है, बहुत सारी ऐतिहासिक बातों को अपने आंचल में संजोए इस क्षेत्र की जनसंख्या 24, 28, 589 है, जिसमें से 85 प्रतिशत आबादी ग्रामीण इलाकों में और 14 प्रतिशत लोग शहरों में निवास करते हैं। यहां 7 प्रतिशत लोग एससी वर्ग के और 22 प्रतिशत लोग एसटी वर्ग के हैं।
दीपसिंह शंकरसिंह राठौड़ का लोकसभा में प्रदर्शन
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के कद्दावर नेता शंकर सिंह वाघेला को करारी शिकस्त देने वाले सांसद दीपसिंह शंकरसिंह राठौड़ की पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में उपस्थिति 94 प्रतिशत रही है और इस दौरान इन्होंने 27 डिबेट में हिस्सा लिया और 292 प्रश्न पूछे हैं।
साबरकंठा लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी लेकिन पिछले 10 सालों से यहां वो जीत के लिए तरस रही है जबकि दीपसिंह शंकरसिंह राठौड़ की जीत में बहुत बड़ा हाथ मोदी लहर का भी था। फिलहाल इस बार जहां भाजपा की पूरी कोशिश इस सीट पर जीत की हैट्रिक पूरी करने की होगी तो वहीं कांग्रेस का पूरा प्रयास इस सीट को जीतने का होगा। देखते हैं कि दोनों पार्टियों में से जनता का आशीर्वाद किसे यहां मिलता है।