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लोकसभा चुनाव 2019: पाटलिपुत्र लोकसभा सीट के बारे में जानिए

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नई दिल्ली: बिहार की पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से भाजपा के रामकृपाल यादव सांसद हैं, जिन्होंने साल 2014 के चुनाव में यहां पर राजद की तेज-तर्रार नेता और लालू यादव की बेटी मीसा भारती को हराया था। 2014 लोकसभा चुनाव में रामकृपाल यादव को 3,83,262 वोट मिले थे और मीसा भारती को 3,42,940 वोट मिले थे। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर राजद, नंबर 3 पर jdu और नंबर 4 पर cpiथी। मीसा को हारने का ईनाम भाजपा ने उन्हें नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री बना कर दिया था। उस साल यहां पर वोटरों की संख्या 17,36,074 थी जिनमें से मात्र 9,78,649 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिनमें पुरुषों की संख्या 5,53,915 और महिलाओं की 4,24,734 थी।

profile of Pataliputra lok sabha constituency

पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र का इतिहास

पटना संसदीय क्षेत्र के दो हिस्सों में बंटने के बाद पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया। दरअसल पाटलिपुत्र वर्तमान पटना का ही नाम था। इस शहर का बहुत ही ऐतिहासिक महत्त्व है। ईसा पूर्व मेगास्थनीज ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात् लिखी अपनी पुस्तक 'इंडिका' में इस नगर का उल्लेख किया है। धार्मिक, सांस्कृतिक विरासत को समेटे पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के तहत छह विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनके नाम हैं दानापुर, मनेर, फुलवारी, मसौढ़ी, पालीगंज और विक्रम। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की जनसंख्या 25,45,080 है, जिसमें से 77 प्रतिशत आबादी ग्रामीण अंचल में तो 22 प्रतिशत आबादी शहरी क्षेत्रों में निवास करती है।

परिसीमन के बाद वर्ष 2009 में अस्तित्व में आए इस क्षेत्र में हुए पहले चुनाव में जद (यू) के रंजन प्रसाद यादव ने बिहार के दिग्गज माने जाने वाले लालू प्रसाद को 23 हजार से ज्यादा मतों से पराजित कर बहुत कड़ा उलटफेर किया था तो वहीं साल 2014 के चुनाव में यहां से भाजपा नेता रामकृपाल यादव लोकसभा पहुंचे। युवा अवस्था से ही छात्र आंदोलनों में सक्रिय रहे रामकृपाल यादव ने वर्ष 1977 में अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और वो कभी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के काफी करीबी भी रहे थे, वो पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन राजद ने मीसा भारती को चुनाव मैदान में उतार दिया जिससे नाराज होकर इन्होंने 2014 में चुनाव से पहले राजद छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली और बीजेपी की टिकट पर पाटलिपुत्र सीट जीतकर लोकसभा पहुंचे।

रामकृपाल यादव का लोकसभा में प्रदर्शन

दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में इनकी उपस्थिति 91 प्रतिशत रही और इस दौरान इन्होंने 19 डिबेट में हिस्सा लिया और मात्र 1 प्रश्न पूछा।

पाटलिपुत्र के जातीय समीकरण की बात करें तो आपको बता दें कि यहां यादव मतदाताओं की संख्या 30 प्रतिशत से ज्यादा है जबकि इतनी ही संख्या सवर्ण मतदाताओं की भी है यही वजह है कि यादव जाति के सभी नेता इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं तो वहीं इस क्षेत्र में जनसंख्या के मामले में भूमिहार और मुसलमान दूसरे नंबर पर हैं, जो किसी भी पार्टी की जीत-हार तय कर सकते हैं। पिछली बार के मुकाबले यहां सियासी हवा बदली-बदली है, भाजपा-जेडीयू साथ हैं तो वहीं राजद की पूरी कोशिश यादव वोटों को अपनी ओर करने की होगी लेकिन इन सियासी समीकरणों के बीच क्या होगा जनता का फैसला इसे जानने के लिए हमें चुनावी नतीजों का इंतजार करना होगा, फिलहाल आजमाइश कड़ी है और इम्तहान बेहद मुश्किल देखते हैं जीत की बाजी किसके हाथ लगती है।

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English summary
profile of Pataliputra lok sabha constituency
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