क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

लोकसभा चुनाव 2019: त्रिपुरा पश्चिम लोकसभा सीट के बारे में जानिए

Google Oneindia News

नई दिल्ली: त्रिपुरा वेस्ट लोकसभा सीट से CPI(M)नेता शंकर प्रसाद दत्ता सांसद हैं, उन्होंने साल 2014 के चुनाव में यहां पर कांग्रेस के अरूणोदय साहा (Arunoday Saha)को 503,476 वोटों के अंतर से पराजित किया था। शंकर प्रसाद दत्ता को यहां पर 671,665 वोट मिले थे तो वहीं अरूणोदय साहा को केवल 168,179 वोटों पर संतोष करना पड़ा था, इस सीट पर नंबर तीन पर तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी रतन चक्रवर्ती थे, जिन्हें कि केवल 117,727 वोट मिले थे, जबकि इस सीट पर चौथा नंबर भाजपा का था, जिसके प्रत्याशी सुधीन्द्र चन्द्र दासगुप्ता को सिर्फ 54,706 वोट प्राप्त हुए थे।

profile of Tripura West lok sabha constituency

त्रिपुरा उत्तर-पूर्वी सीमा पर स्थित भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है जिसका क्षेत्रफल 10,491 वर्ग किमी है। त्रिपुरा को 1 नवंबर 1957 को केंद्रशासित क्षेत्र बनाया गया और 21 जनवरी 1972 को राज्य का दर्जा दिया गया। त्रिपुरा आकार में छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत राज्य हैं। त्रिपुरा का बड़ा पुराना और लंबा इतिहास है। इसकी अपनी अनोखी जनजातीय संस्‍कृति और दिलचस्‍प लोकगाथाएं है। महाभारत और पुराणों में भी त्रिपुरा का उल्‍लेख मिलता है। राजमाला के अनुसार त्रिपुरा के शासकों को 'फा' उपनाम से पुकारा जाता था जिसका अर्थ 'पिता' होता है। त्रिपुरा की आबादी का 31 प्रतिशत हिस्सा जनजातियों का है। इस राज्य के ज्यादातर जनजातियां तिब्बती-बर्मी मूल की हैं। त्रिपुरा की प्रमुख जनजातियां हैं चाइमल, हलाम, जमातिया, तिप्पेरा, त्रिपुरी, मोग, रियांग और लेप्चा, इन जनजातियों पर बौद्ध, ईसाई, और त्रिपुर संप्रदाय का गहरा प्रभाव रहा है, कहते हैं कि त्रिपुर सुंदरी के नाम पर इस राज्य का नाम त्रिपुरा पड़ा है।

त्रिपुरा पश्चिम लोकसभा सीट का इतिहास
साल 1952 में यहां पहला आम चुनाव हुआ था, जिसे कि CPI ने जीता था, इसके बाद 1957 में यहां पर कांग्रेस की जीत हुई लेकिन 1962 का चुनाव यहां पर CPI ने ही जीता, 1967 में यह सीट कांग्रेस की झोली में आ गई तो वहीं 1971 के चुनाव में इस सीट पर CPI(M)की विजय पताका फहराई, साल 1977 में यहां पर भारतीय लोक दल ने जीत दर्ज की तो साल 1980 और 1984 में ये सीट CPI(M) के ही पास रही, साल 1989 और साल 1991 का चुनाव यहां पर कांग्रेस ने जीता तो साल 1996 के चुनाव में यहां पर CPI(M) की वापसी हुई और तब से लेकर अब तक इस सीट पर केवल CPI(M)का ही राज रहा है, साल 2014 के चुनाव में इस सीट से जीतकर शंकर प्रसाद दत्ता लोकसभा पहुंचे।

दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा में सांसद शंकर प्रसाद दत्ता की उपस्थिति 75% रही है, उन्होंने 144 डिबेट में हिस्सा लिया है और 276 प्रश्न पूछे हैं। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 12,48,550 थी, जिसमें से केवल 10,72,749 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था, जिनमें पुरुषों की संख्या 5,46,566 और महिलाओं की संख्या 5,26,183 थी। घने वनों से आच्छादित त्रिपुरा में ज्यादातर आदिवासी आबादी रहती है, लंबे वक्त से यहां मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी राज कर रही है लेकिन आज भी यहां बेरोजगारी की दर और गरीबी काफी ज्यादा है, स्वास्थ्य सेवाएं भी यहां बहुत सुलभ नहीं है, देखते हैं कि CPI(M)का गढ़ कहलाने वाली त्रिपुरा पश्चिम लोक सभा सीट पर इस बार भी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का ही कब्जा रहता है या फिर हमें कुछ चौंकाने वाले नतीजे देखने को मिलते हैं। फिलहाल शह और मात के इस खेल में जीत का सेहरा उसी के सिर बंधेगा, जिसे कि जनता चुनेगी और उसका फैसला क्या है, इसे जानने के लिए हमें चुनावी नतीजों का सामना करना पड़ेगा।

<strong>ये भी पढ़ें-लोकसभा चुनाव 2019: त्रिपुरा पूर्व लोकसभा सीट के बारे में जानिए</strong>ये भी पढ़ें-लोकसभा चुनाव 2019: त्रिपुरा पूर्व लोकसभा सीट के बारे में जानिए

Comments
English summary
profile of Tripura West lok sabha constituency
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X