लोकसभा चुनाव 2019: तिरुनेलवेली लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: तमिलनाडु की तिरुनेलवेली लोकसभा सीट की से AIADMK नेता के. आर. पी. प्रभाकरन (K.R.P.Prabakaran) सांसद हैं। साल 2014 के चुनाव में इन्होंने यहां पर DMK नेता देवदासा सुंदरम ( Devadasa Sundaram) को 126, 009 वोटों से हराया था। के. आर. पी. प्रभाकरन को यहां पर 398, 139 वोट मिले थे तो वहीं देवदासा सुंदरम को केवल 272, 040 वोट पर संतोष करना पड़ा था। इस सीट पर नंबर तीन पर DMDK और नंबर 4 पर कांग्रेस थी, DMDK के प्रत्याशी को 127, 370 वोट मिले थो तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को 62, 863 वोट प्राप्त हुए थे। साल 2014 में इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 14,20,435 थी, जिसमें से केवल 9,62,330 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 4,69,328 और महिलाओं की संख्या 4,93,002 थी।
तिरुनेलवेली
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
साल
1952
में
यहां
पहली
बार
आम
चुनाव
हुए
थे,
जिसे
कि
कांग्रेस
ने
जीता
था,
तब
से
लेकर
लगातार
तीन
बार
इस
सीट
पर
कांग्रेस
का
राज
यहां
पर
रहा,
साल
1967
का
चुनाव
यहां
पर
स्वतंत्र
पार्टी
ने
जीता
तो
1971
के
चुनाव
में
यहां
पर
CPI
ने
जीत
दर्ज
की,
साल
1977
का
चुनाव
यहां
पर
AIADMK
ने
जीता
तो
1980
में
पहली
बार
यहां
DMK
को
सफलता
मिली,
1984,
1989
और
1991
में
यहां
AIADMK
का
ही
राज
रहा,
साल
1996
का
चुनाव
यहां
पर
DMK
ने
जीता
लेकिन
दो
साल
बाद
ही
हुए
चुनाव
में
यहां
पर
AIADMK
ने
वापसी
की,
साल
1999
का
चुनाव
भी
यहां
पर
अन्नाद्रमुक
ने
ही
जीता,
साल
2004
में
यहां
कांग्रेस
की
वापसी
हुई
और
साल
2009
का
चुनाव
भी
कांग्रेस
ने
ही
जीता
लेकिन
साल
2014
में
यह
सीट
फिर
से
ऑल
इंडिया
अन्ना
द्रविड़
मुनेत्र
कड़गम
के
पास
चली
गई
और
के.
आर.
पी.
प्रभाकरन
यहां
से
जीतकर
लोकसभा
पहुंचे।
तिरुनेलवेली,
परिचय-प्रमुख
बातें-
तिरुनेलवेली,
तमिलनाडु
के
प्राचिन
और
लोकप्रिय
शहरों
में
से
एक
है,
यह
आस्था
का
बड़ा
केंद्र
है
क्योंकि
यहां
का
नेल्लईअप्पार
मंदिर
बहुत
ज्यादा
प्रसिद्ध
और
मानक
है,
तिरुनेलवेली
का
नेल्लईअप्पार
मंदिर
तमिलनाडु
का
सबसे
बड़ा
शिव
मंदिर
है,
जिसे
700
ई.
में
पंड्या
द्वारा
बनाया
गया
था,
ये
मंदिर
17
वीं
सदी
में
बनाए
गए
संगिली
मंड़पम
से
जुड़े
हुए
हैं।यह
मंदिर
उन
स्थानों
में
से
एक
था
जहां
भगवान
शिव
तांड़व
नृत्य
किया
करते
थें
,
बहुत
सारी
धार्मिक,
आध्यात्मिक
धरोहरों
को
अपने
आंचल
में
समेटे
तिरुनेलवेली
की
जनसंख्या
18,68,434
है,
जिसमें
से
47.59%
लोग
गांवों
में
और
52.41%
लोग
शहरों
में
रहते
हैं,
यहां
पर
16
प्रतिशत
लोग
एससी
वर्ग
के
लोग
हैं।
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान सांसद के. आर. पी. प्रभाकरन की लोकसभा में उपस्थिति 81 प्रतिशत रही है और इस दौरान इन्होंने 13 डिबेट में हिस्सा लिया है और 124 प्रश्न पूछे हैं। आंकड़ों के हिसाब से पता चलता है कि यहां सीधी लड़ाई कांग्रेस और अन्नाद्रमुक के ही बीच रही है, कभी किसी का पलड़ा भारी तो कभी किसी का लेकिन साल 2014 के चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शऩ औसत से भी खराब रहा, पिछले चुनाव में AIADMK ने सबको पछाड़ते हुए ये सीट अपने नाम कर ली लेकिन क्या उसका ये जादू इस बार भी यहां चलेगा, यह एक बड़ा सवाल है, क्योंकि जयललिता के निधन के बाद AIADMK बिखराव और फूट की शिकार हुई है, जिससे वो कमजोर हुई है, देखते हैं इस बार यहां की जनता किसे चुनती है, आपको बताते चलें कि साल 2014 के चुनाव में AIADMK ने राज्य में 39 में से 37 सीटें जीती थीं, डीएमके और कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला था। राज्य में एनडीए का वोट शेयर 18.5% और एआईएडीएमके का 44.3% शेयर था।
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