लोकसभा चुनाव 2019: महबूबनगर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: तेलंगाना की महबूबनगर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद टीआरएस के ए.पी. जितेंद्र रेड्डी सांसद हैं। उन्होंने साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता जयपाल रेड्डी को 2,590 वोटों के अंतर से मात दी थी। जितेंद्र रेड्डी को इस चुनाव में 3,34,228 वोट मिले थे तो वहीं, कांग्रेस के जयपाल रेड्डी को मात्र 3,31,638 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। इस सीट पर तीसरे नंबर पर भाजपा के नागम जनार्दन रेड्डी रहे थे, जिन्हें केवल 2,72,791 वोट मिले थे तो वहीं नंबर चार पर PROI पार्टी थी, जिसके प्रत्याशी को 30,388 वोट प्राप्त हुए थे। साल 2014 के चुनाव में यहां पर कुल मतदाताओं की संख्या 14,18,672 थी, जिसमें से केवल 10,14,800 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 5,11,764 और महिलाओं की संख्या 5,03,036 थी।
महबूबनगर
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
महबूबनगर
लोकसभा
सीट
1957
में
अस्तित्व
में
आई
थी,
तब
यह
आंध्र
प्रदेश
का
हिस्सा
हुआ
करती
थी,
शुरुआत
से
ही
यह
कांग्रेस
का
मजबूत
गढ़
रही
है,
कांग्रेस
ने
यहां
हुए
16
आम
चुनावों
में
से
10
में
जीत
हासिल
की
है
हालांकि,
बीच-बीच
में
तेलंगाना
प्रजा
समिति,
भारतीय
जनता
पार्टी
और
जनता
पार्टी
के
उम्मीदवार
भी
यहां
से
जीत
हासिल
करते
रहे
हैं।
तेलंगाना
आंदोलन
के
समय
यहां
से
तेलंगाना
के
मुख्यमंत्री
और
तेलंगाना
राष्ट्र
समिति
के
फाउंडर
के.
चंद्रशेखर
राव
जनता
के
प्रतिनिधि
थे,
इस
सीट
से
सबसे
ज्यादा-
चार
बार
दो
सांसद
चुने
गए.
इनमें
से
एक
का
नाम
है
जे.
रामेश्वर
और
दूसरे
का
नाम
है
डॉ.
मल्लिकार्जुन।
जे.
रामेश्वर
तीन
बार
कांग्रेस
के
टिकट
पर
और
एक
बार
तेलंगाना
प्रजा
समिति
के
टिकट
पर
यहां
पर
चुनाव
जीते
तो
वहीं
डॉ.
मल्लिकार्जुन
भी
चार
बार
यहां
के
सांसद
रहे,
इसके
अलावा
पूर्व
केंद्रीय
मंत्री
जयपाल
रेड्डी
भी
8वीं
और
12वीं
लोकसभा
में
यहीं
से
चुने
गए
थे।
महबूबनगर
,
परिचय-प्रमुख
बातें-
तेलंगाना
के
महबूबनगर
शहर
को
'पालमूर'
भी
कहा
जाता
है।
महबूबनगर
हैदराबाद
से
100
किलोमीटर
की
दूरी
पर
है।
महबूबनगर
जिला
हैदराबाद
के
छठे
निजाम
मीर
महबूब
अली
खान
के
समय
में
बना
था
और
उन्हीं
के
नाम
पर
इस
जिले
का
नाम
भी
पड़ा
था,
2011
की
जनगणना
के
आंकड़ों
के
अनुसार
यहां
की
जनसंख्या
20,08,729
है,
जिसमें
से
80
फीसदी
आबादी
ग्रामीण
इलाकों
में
रहती
है
और
करीब
19
फीसदी
आबादी
शहरी
इलाकों
में
है,
यहां
15.32%
लोग
एससी
वर्ग
के
और
8.66
फीसदी
लोग
एसटी
वर्ग
के
हैं।
महबूबनगर
लोकसभा
क्षेत्र
में
सात
विधानसभा
सीटें-
कोडंगल,
नारायनपेट,
महबूबनगर,
जाडचेरला,
देवरकाडरा,
मकथाल
और
शादनगर
हैं,
हाल
ही
में
हुए
विधानसभा
चुनावों
में
सातों
सीटें
टीआरएस
के
हिस्से
में
आई
थीं।
सांसद जितेंद्र रेड्डी की सदन में उपस्थिति 86 फीसदी रही है तो वहीं उन्होंने 83 डिबेट में हिस्सा लिया है और 173 प्रश्न पूछे हैं, उन्होंने सात प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए हैं, जितेंद्र रेड्डी को उनके निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 20.43 करोड़ की राशि मिली थी, इसमें से उनके पास केवल अब 1.77 करोड़ रुपये बचे हैं। कभी कांग्रेस का गढ़ रही इस लोकसभा सीट पर दो बार से टीआरएस जीत रही है और आज यहां सभी विधानसभा सीटों पर भी टीआरएस के ही विधायक हैं, ऐसे में कैसे कांग्रेस यहां पर टीआरएस को चुनौती देती है, यह देखने वाली बात होगी, आपको बता दें कि साल 2014 के चुनाव में टीआरएस ने लोकसभा की 17 में 11 सीटें जीती थीं, जो कि एक बहुत बड़ा कमाल था क्योंकि उस वक्त देश में 'मोदी लहर' की धूम थी, लेकिन तेलंगाना में टीआरएस की सुनामी के आगे मोदी लहर की एक ना चली, साल 2014 के चुनाव में भाजपा को यहां सिर्फ एक सीट पर विजय मिली थी, बाद में टीडीपी, वायएसआर कांग्रेस और कांग्रेस का एक-एक सांसद टीआरएस में शामिल हो गए थे, जबकि कांग्रेस के खाते में मात्र दो सीटें आई थी। देखते हैं इस बार यहां की जनता किसके नाम पर मुहर लगाती है।
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