लोकसभा चुनाव 2019: गुंटूर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
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नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश की गुंटूर लोकसभा सीट से इस वक्त टीडीपी पार्टी की नेता जयदेव गल्ला सांसद हैं, जिन्होंने साल 2014 में YSRC के वल्लभानेनी बालाशोवरी को 69 हजार 111 वोटों से हराकर अपने नाम की थी। गुंटूर अपने धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों तथा चटपटे अचार के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। गुंटूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 31) में कुल मतदाताओं की संख्या 15,72,016 है। इनमें से 7,73,027 मतदाता पुरुष हैं और शेष 7,98,989 महिलाएं हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में 12,44,926 लोगों मतदान किया था। इनमें 6,17,483 मतदाता पुरुष और 6,27,443 मतदाता महिलाएं थी।
राजनीतिक
घटनाक्रम:
गुंटूर
में
पहला
चुनाव
1952
में
हुआ
था।
इस
सीट
पर
60
से
दशक
से
90
के
दशक
तक
लगातार
कांग्रेस
का
कब्जा
रहा
है।
यह
आंध्र
प्रदेश
में
कांग्रेस
की
सबसे
सुरक्षित
सीट
मानी
जाती
थी।
इस
सीट
पर
1957
से
लेकर
1980
तक
कांग्रेस
के
रघुरमैया
5
बार
सांसद
रहे।
1980
के
चुनाव
में
एनजी
रंगा
कांग्रेस
(इंदिरा)
से
सांसद
बने।
एनजी
रंगा
1980
से
लेकर
1991
तक
यहां
से
तीन
बार
सांसद
रहे।
1991
में
टीडीपी
के
लालजन
बाशा
ने
एनजी
रंगा
को
हराकर
सांसद
चुने
गए।
लेकिन
कांग्रेस
के
1996
में
आरएस
शिवराव
ने
बाशा
को
हरा
दिया।
आरएस
शिवराव
1996
और
1998
में
यहां
से
चुनाव
जीते।
1999
में
टीडीपी
के
वाई
वेंकटेश
राव
ने
आरएस
शिवराव
को
हराकर
इस
सीट
पर
जीत
दर्ज
की।
2004
औऱ
2009
में
आरएस
राव
फिर
से
यहां
से
सांसद
चुने
गए।
2014
के
लोकसभा
चुनाव
में
टीडीपी
के
जयदेव
गल्ला
ने
YSRC
के
वल्लभानेनी
बालाशोवरी
को
हरा
दिया।
इस
चुनाव
में
कांग्रेस
तीसरे
स्थान
पर
रही।
मौजूदा सांसद के बारे में
सांसद जयदेव गल्ला पहली बार टीडीपी की टिकट से लोकसभा पहुंचे। जयदेव गल्ला देश के सबसे अमीर सांसद हैं। उन्होंने अपने हलफनामें में अपनी कुल संपत्ति 683 करोड़ रुपए से अधिक बताई थी। जयदेव गल्ला एक बिजनेसमैन है। उन्होंने अपने पांच साल के कार्यकाल में लोकसभा में मई 2014 से लेकर दिसंबर 2018 तक 469 सवाल पूछे जो कुल औसत से कई दोगुने हैं। इसके अलावा उन्होंने 113 डिबेट में हिस्सा लिया। उनकी लोकसभा में उपस्थिति 85 फीसदी रही। गुंटूर सीट काफी लंबे समय तक कांग्रेस का ही प्रभुत्व रहा है। कांग्रेस के इस सीट पर 12 बार कांग्रेस जीती है। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत ताड़ीकोंडा,मंगलगिरी,पोन्नूर,तेनाली ,गुंटूरु पश्चिम, गुंटूर, 6 विधानसभा सीटें आती हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर होने के बावजूद इस सीट से टीडीपी ने जीत दर्ज की।
गुंटूर एक परिचय: प्रमुख बातें
- गुंटूर अपने अतीत के साथ-साथ वर्तमान में व्यापारिक गतिविधियों का एक बड़ा केंद्र भी है।
- यह शहर कपड़ा उद्योग, मिर्च-मसालों, कपास आदि के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
- गुंटूर की स्थापना फ्रांसिसी शासकों ने आठवीं शताब्दी के मध्य में की थी। करीब 10 शताब्दियों तक उन्होंने यहां राज किया।
- 1788 में इसे ब्रिटिश साग्राज्य में मिला दिया गया।
- गुंटूर ज़िले का क्षेत्रफल 11,377 वर्ग किमी है और पूर्व तथा उत्तर में यह कृष्णा नदी से घिरा है | पर्यटन के लिहाज से भी गुंटूर एक महत्वपूर्ण स्थल है।
- गुंटूर भवनारायण स्वामी मंदिर, नागार्जुनसागर बांध आदि के लिए देशभर में प्रसिद्ध है।