लोकसभा चुनाव 2019: पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: दिल्ली के गाजियाबाद से सटे पॉश इलाकों की बात करें तो आनंद विहार, लक्ष्मीनगर, मयूर विहार और वैशाली जैसे इलाके ज़हन में आते हैं। खास बात यह है कि इन इलाकों की छाप गाजियाबाद के कुछ इलाकों में भी देखने को मिलती है। सही मायने में ये इलाके ही पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र की पहचान हैं, जहां पर भारतीय जनता पार्टी के महेश गिरी मौजूदा सांसद हैं। हालाकि पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित यहां से सांसद रह चुके हैं। यहां पर कुल मतदाताओं की संख्या करीब एक लाख 80 हजार है। यह आंकड़े 2014 के हैं, यानी 2019 के चुनाव में इसमें 15 से 20 प्रतिशत इज़ाफा हो सकता है। पिछले चुनाव में यहां कुल 65 फीसदी वोट पड़े थे, जिनमें 6 लाख 76 हजार पुरुष थे और 5 लाख 19 हजार महिलाएं।
साल 2014 के चुनाव की बात करें तो महेश गिरी की राहें इतनी आसान नहीं थीं। 2014 में उन्हें 572,202 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे आम आदमी पार्टी के नेता राज मोहन गांधी को 381,739 वोट मिले थे। महेश गिरी का वोट प्रतिशत 47.8 था, जबकि राज मोहन का 31 फीसदी। और तो और तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के नेता व इसी सीट से पूर्व सांसद संदीप दीक्षित का वोट प्रतिशत 17 फीसदी था। वैसे संदीप दीक्षित के लिये यह बहुत बड़ी हार थी। उनका वोट प्रतिशत 60 फीसदी से गिरकर 17 पर आ गया था। जाहिर है इस साल कांग्रेस अपने खोये हुए वोटों को फिर से वापस लाना चाहेगी। जिसके लिये पुरजोर कोशिशें जारी हैं।
महेश
गिरी
का
लोकसभा
में
प्रदर्शन
महेश
गिरी
दसंवी
पास
है।
मई
2014
से
लेकर
दिसंबर
2018
के
बीच
उन्होंने
413
प्रश्न
सदन
में
पूछे।
जिनमें
लिखित
एवं
मौखिक
दोनों
सवाल
शामिल
हैं।
जबकि
राज्य
के
अन्य
सांसदों
का
औसत
290
रहा
और
राष्ट्रीय
औसत
273।
प्राइवेट
मेंबर
बिल
के
मामले
में
भी
महेश
गिरी
काफी
आगे
रहे।
देश
का
औसत
जहां
मात्र
2
बिल
का
था,
वहीं
गिरी
ने
18
प्राइवेट
मेंबर
बिल
पेश
किये।
इस
दौरान
94
प्रतिशत
उपस्थिति
दर्ज
कराने
वाले
महेश
गिरी
ने
कुल
43
डिबेट्स
में
भाग
लिया।
कुल
मिलाकर
सदन
के
अंदर
गिरी
का
प्रदर्शन
अच्छा
रहा।
इनकी कोशिशें कितनी रंग लाती हैं, यह तो 2019 के परिणाम बतायेंगे, लेकिन इतिहास भाजपा और कांग्रेस दोनों की ओर इशारा करता नजर आ रहा है। 1967 के बाद से इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही छह-छह बार जीत दर्ज कर चुकी हैं। बात अगर लंबी पारियों की करें तो यहां से सबसे अधिक समय तक सांसद कांग्रेस के एच के एल भगत रहे हैं। जबकि दूसरी सबसे लंबी पारी भाजपा के लाल बिहारी तिवारी की रही है।
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