लोकसभा चुनाव 2019: धारवाड़ सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव आने वाले हैं और कर्नाटक के धारवाड़ संसदीय सीट की अगर बात की जाए तो यहां पिछले 22 सालों से बीजेपी का वर्चस्व है। इस सीट से 2009 से ही बीजेपी के कद्दावर नेता प्रह्लाद जोशी जीतते आ रहे हैं। इस सीट पर शुरू से बीजेपी का अस्तित्व रहा है। 1996 से लगातार बीजेपी धारवाड़ लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र में अपना कब्जा जमाती आयी है। प्रल्हाद जोशी को जिले और क्षेत्र में भाजपा की लोकप्रियता के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
धारवाड़ में जोशी बहुत बड़ा चेहरा
प्रह्लाद जोश के का कर्नाटक के संसदीय क्षेत्र में बहुत बड़ा नाम है। वे गरीब, दलित, कृषकों, सामाजिक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय मुद्दों के प्रति उनकी चिंता और समर्पण को देखा जा सकता है। अपनी छोटी उम्र से ही एक भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम करने वाले जोशी ने कर्नाटक राज्य में पार्टी की ताकत को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। धारवाड़ जिले से बीजेपी अध्यक्ष के रूप में काम कर चुके जोशी वर्तमान में पार्टी की कर्नाटक राज्य इकाई के महासचिव हैं। 1992 में जोशी ने "कश्मीर बचाओ आंदोलन" के दौरान खुद को स्थानीय नेतृत्व के रूप में उतारा, उसके बाद से ही उन्हें पार्टी इंपोर्टेंट फेस में गिना जाने लगा। इसके अलावा जोशी ने 1992 में कित्तूर चन्नम्मा सर्कल (ईदगाह मैदान) में राष्ट्रीय ध्वज फहराने में हुबली में सफलता के साथ एक आंदोलन का नेतृत्व किया था, तभी से वे कर्नाटक राइट विंग का एक मुख्य चेहरा बन गए।
धारवाड़ के बारे में
अब बात करते हैं धारवाड़ की, जो कर्नाटक का एक जिला भी है। इसे 1961 में हुबली शहर के साथ मिला दिया गया था, ताकि हुबली-धारवाड़ के जुड़वा शहरों का निर्माण किया जा सके। धारवाड़ 200.23 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करता है और बेंगलुरु व पुणे के बीच NH-48 पर बेंगलुरु से 425 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित है।
53 फिसदी से भी ज्यादा लोग शहरी
अब अगर कर्नाटक के धारवाड़ संसदीय सीट की बात की जाए तो यहां से बीजेपी को हराना किसी भी पार्टी के लिए बहुत मुश्किल है। 1996 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है और 2009 से प्रह्लाद जोशी इस सीट से जीतते आ रहे हैं। धारवाड़ सीट से बीजेपी के 100 फीसदी जीतने के चांसेज रहते हैं। धारवाड़ संसदीय सीट की आबादी 21,29,560 हैं, जिसमें से ज्यादातर लोग शहरी है। धारवाड़ के करीब 47 फीसदी लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और 53 फिसदी से भी ज्यादा लोग शहरों में रह रहे हैं। इसके अलावा वर्ग के आधार पर देखे तो धारवाड़ में 10.11 फीसदी अनुसूचित जाति के लोग है और 5 फीसदी से भी कम अनुसूचित जनजाति के लोग है।
यहां से बीजेपी का पलड़ा भारी
अब अगर में संसद में धारवाड़ के सांसद के प्रदर्शन पर नजर डाले तो वह बहुत शानदार रहा है। धारवाड़ के सांसद जोशी ने संसद में 85 फीसदी हाजिरी लगाई है। वहीं, संसद में 427 सवाल पूछ चुके बीजेपी नेता जोशी करीब 80 डिबेट में हिस्सा ले चुके हैं। इस सीट पर अगर वोटिंग टर्नआउट की बात करे तो 2014 में 66 फीसदी लोगों ने वोट किया था। पिछले लोकसभा चुनाव में एलुरू सीट पर कुल 10,41,226 लोगों ने वोट किया था, जिसमें से 4,78,235 महिलाओं और 5,62,991 पुरुषों ने वोट किया था।
पिछले साल हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कई सीटों पर नुकसान हुआ, लेकिन राज्य में धारवाड़ की सीट सबसे सेफ सीट में से एक है, जहां से किसी भी पार्टी के लिए इस भगवा पार्टी को हराना बहुत मुश्किल है।