लोकसभा चुनाव 2019: भोंगीर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: तेलंगाना की भोंगीर ( भुवनगिरि) लोकसभा सीट से टीआरएस नेता के बी. नरसैया बुर्रा सांसद हैं। उन्होंने साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस नेता के. राज गोपाल रेड्डी को 30,494 वोटों से पराजित किया था। नरसैया को 4,48,245 वोट मिले थे तो वहीं, कांग्रेस के. राज गोपाल रेड्डी को 4,17,751 वोटों पर संतोष करना पड़ा था, इस सीट पर तीसरे नंबर पर रहे भाजपा के इंद्रसेन रेड्डी को 1,83,217 वोट मिले थे जबकि चौथा नंबर CPM का था, जिसके प्रत्याशी को केवल 540, 35 वोट प्राप्त हुए थे।
भोंगीर
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
तेलंगाना
की
भोंगीर
(
भुवनगिरि)
लोकसभा
सीट
2008
में
परिसीमन
के
बाद
बनी
थी,
इस
सीट
का
इलाका
तेलंगाना
के
रंगारेड्डी,
नलगोन्डा
और
वारंगल
जिलों
में
आता
है,
2011
की
जनगणना
के
अनुसार
इस
सीट
की
आबादी
20,09,432
है,
इसमें
से
85.29
फीसदी
आबादी
ग्रामीण
और
14.71
फीसदी
आबादी
शहरी
इलाके
में
रहती
है,
यहां
अनुसूचित
जाति
के
9.5
फीसदी
लोग
और
अनुसूचित
जनजाति
के
5.94
फीसदी
लोग
निवास
करते
है,
भोंगीर
में
सात
विधानसभा
सीटें
हैं,
जिनके
नाम
हैं
इब्राहिमपटनम,
भुवनगिरि
(भोंगीर),
थुन्गाथुरथी,
अलेयर
और
जनगांव,
जिसमें
से
करेकल
और
थुन्गाथुरथी
सीटें
अनुसूचित
जाति
के
लिए
आरक्षित
हैं।
भोंगीर
में
पहला
आम
चुनाव
साल
2009
में
हुआ
था,
जिसमें
कांग्रेस
पार्टी
को
जीत
मिली
थी
और
के.
राज
गोपाल
रेड्डी
यहां
से
सांसद
चुने
गए
थे
लेकिन
साल
2014
के
चुनाव
में
उन्हें
टीआरएस
नेता
के
बी.
नरसैया
बुर्रा
से
शिकस्त
झेलनी
पड़ी,
के
बी.
नरसैया
पहली
बार
यहां
से
जीतकर
लोकसभा
पहुंचे
थे।
TRS के कद्दावर नेताओं में शामिल सांसद बी. नरसैया श्रम मामलों की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य भी रहे हैं, उनके प्रदर्शन की बात करें तो दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक उनकी लोकसभा में उपस्थिति 57 फीसदी रही है, उन्होंने संसद में कुल 62 बहसों में हिस्सा लिया है इस दौरान उन्होंने कुल 210 सवाल पूछे हैं जबकि राष्ट्रीय औसत 285 सवालों का है तो उनके राज्य के सांसदों का औसत 295 सवालों का है। नरसैया 16वीं लोकसभा में 10 प्राइवेट मेंबर बिल भी लाए हैं, नरसैया ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास कार्यों में अपनी सांसद निधि में से 16.60 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 14,92,251 थी, जिसमें से केवल 12,11,943 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 6,22,333 और महिलाओं की संख्या 5,89,610 थी। देश में मोदी लहर के बावजूद पिछले चुनाव में टीआरएस ने पूरे राज्य में जबरदस्त प्रदर्शऩ किया था, उसने राज्य की 17 सीटों में से 11 पर जीत दर्ज की थी, यही नहीं इस चुनाव के बाद कांग्रेस, वायएसआर कांग्रेस और टीडीपी के एक-एक सांसद केसीआर खेमे में चले गए जिससे अब टीआरएस का स्कोर 14 है, जबकि एक-एक सीट पर बीजेपी, कांग्रेस और AIMIM के सांसद हैं, यहां के प्रमुख सांसदों में बीजेपी सांसद बंडारू दत्तात्रेय हैं, उनके अलावा AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी तेलंगाना से ही सांसद हैं, हाल के विधानसभा चुनाव में भी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के पास इस 88 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 19, AIMIM को 2, टीडीपी को 2 , भाजपा को 1, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक को 1 और निर्दलीय को 1 सीट मिली थी। ऐसे में यहां टीआरएस को चुनौती देना दूसरे दलों के लिए आसान नहीं होगा, देखते हैं इस बार के लोकसभा चुनाव में भी उसका जादू यूं ही बरकरार रहता है या फिर हमें कुछ चौंकाने वाले नतीजों से रूबरू होना पड़ेगा।
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