लोकसभा चुनाव 2019: नंदुरबार लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की नंदुरबार लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद डॉ. हीना गावित हैं। उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता माणिकराव गावित को 10,69,05 वोटों से हराया था। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर कांग्रेस और नंबर 3 पर बसपा थी, उस साल यहां कुल मतदाताओं की संख्या 16,72,715 थी, जिसमें से मात्र 11,16,676 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया। इसमें पुरुषों की संख्या 5,84,580 और महिलाओं की संख्या 5,32,096 थी।
नंदुरबार लोकसभा सीट का इतिहास
नंदुरबार लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। साल 1952 में यहां सबसे पहले आम चुनाव हुए थे, जिसे की कांग्रेस ने जीता था। इसके बाद 1957 और 1962 दोनों ही चुनावों में यहां पर प्रजा सोशललिस्ट पार्टी ने कब्जा किया, साल 1967 में एक बार फिर से ये सीट कांग्रेस के पास चली गई और टुकाराम गावित यहां के एमपी बने। साल 1967 से लेकर साल 2009 तक इस सीट पर सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस का ही कब्जा रहा है, एक तरह से इस सीट को कांग्रेस का अभेद किला कहा जाता था, जिसे की साल 2014 में भाजपा ने ध्वस्त कर दिया। इस सीट पर लगातार 9 बार कांग्रेस के कद्दावर नेता माणिकराव गावित विजयी हुए थे लेकिन साल 2014 के चुनाव में 80 वर्ष के माणिकराव को भाजपा की 25 वर्ष की डॉ. हीना गावित से शिकस्त झेलनी पड़ी और हीना की जीत के ही साथ यहां पहली बार कमल खिला, नंदुरबार लोकसभासीट पर कांग्रेस की हार पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका थी।
डॉ. हीना गावित का लोकसभा में प्रदर्शन
महाराष्ट्र सियासत का बड़ा नाम रहे डा. विजय कुमार गावित की बेटी हीना साल 2014 के चुनाव में सबसे कम आयु की भाजपा प्रत्याशी थीं। दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में उनकी उपस्थिति 82 प्रतिशत रही, इस दौरान उन्होंने 59 डिबेट में हिस्सा लिया है और 1059 प्रश्न पूछे हैं।
नंदुरबार एक परिचय-प्रमुख बातें-
आदिवासी पावरा नृत्य के लिए प्रसिद्ध नंदुरबार महाराष्ट्र का एक नवगठित जिला है। इस जिले को धूले जिले से पृथक कर 1 जुलाई 1998 में गठित किया गया था। 5055 वर्ग किलोमीटर में फैला यह जिला नंदुरबार, नवापुर, अक्कलकुवा, तलोदा और शहादा ताल्लुकों में बंटा हुआ है। यहां का तोरणमल हिल स्टेशन पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है इस जिले में प्रमुख रूप से आदिवासी,मावची गावीत,कोकणी,भिल,वसावे,पावरा जातियां निवास करती हैं । इसकी कुल आबादी 24,88,735 है, जिसमें से 84 प्रतिशत लोग गांवों में और 15 प्रतिशत लोग शहरों में रहते हैं।
नंदुरबार कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के विधिवत राजनीति में प्रवेश से पहले उनकी पहली आम सभा नंदुरबार जिले में हुई थी लेकिन मोदी लहर में ये सीट कांग्रेस से छीन गई, जहां भाजपा ने विकास के नाम पर इस सीट को जीता था तो वहीं इस सीट पर कांग्रेस की हार का कारण उसके प्रति लोगों की नाराजगी भी थी, जिसकी वजह से उसे ये सीट गंवानी पड़ी थी। भाजपा की वापसी इस सीट पर इस बात पर निर्भर करेगी कि डॉ. हिना के कामों ने यहां के लोगों को कितना खुश किया है तो वहीं कांग्रेस इस सीट को वापस पाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी , देखते हैं जीत-हार के इस खेल में विजयश्री किसे हासिल होती है और इस बार यहां की जनता किसे अपना सरताज बनाती है।