लोकसभा चुनाव 2019- मिर्ज़ापुर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की मिर्ज़ापुर लोकसभा सीट से इस वक्त अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल सांसद हैं। उन्होंने साल 2014 के चुनाव में यहां बसपा को पटखनी दी थी। मां विन्धयवासिनी का शहर मिर्जापुर हमेशा से ही धार्मिक आस्था का केंद्र रहा है, विन्ध्याचल, अरावली और नीलगिरी पहाड़ों से घिरा यह क्षेत्र विन्ध्य क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है| शक्ति त्रिकोण का यह क्षेत्र अपने पांच सौ साल पुराने पीतल उद्योग के लिए पुरे विश्व में प्रसिद्ध है तो वहीं यह शहर अपने लाल पत्थरों के कारण भी विश्व मानचित्र पर एक अलग पहचान रखता है, इन्हीं लाल पत्थरों का उपयोग करके ही सम्राट अशोक ने अशोक स्तम्भ का निर्माण करवाया था।
मिर्ज़ापुर लोकसभा सीट का इतिहास
1989 में सोनभद्र के अलग होने तक यह यूपी का सबसे बड़ा जिला था, यहां की औसत साक्षरता दर की बात करे तो मिर्जापुर में यह आंकड़ा 57.22% है जिनमे पुरुषों की साक्षरता दर 65.98% और महिलाओं की साक्षरता दर 47.51% है। 1952 में यहां पहली बार आम चुनाव हुए थे जिसमे कांग्रेस के जॉन विल्सन ने जीत दर्ज की थी और वहां यहां से पहले सांसद बने थे। 1967 के चुनाव में भारतीय जनसंघ के बांस नारायण सिंह जीतदर्ज की थी। 1977 में हुए आम चुनावों में फ़कीर अली अंसारी ने भारतीय लोक दल को विजयी बनाया था तो वहीं 1980 और 1984 में यहां कांग्रेस का ही राज रहा था।
1989 में जनता दल और 1991 में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर कब्ज़ा किया, 1996 के चुनावों में दस्यु सुंदरी फूलन देवी ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा था और मिर्ज़ापुर की पहली महिला सांसद बनी थी लेकिन 1998 में भाजपा के वीरेंद्र सिंह ने सपा की फूलन देवी को हरा दिया था लेकिन 1999 में हुए चुनावों में फूलन देवी ने वीरेन्द्र सिंह को हराकर अपनी हार का बदला ले लिया था।
2002 में यहां उपचुनाव हुए जिसमें सपा ने सफलता अर्जित की थी, 2004 में नरेन्द्र कुमार कुशवाहा ने मिर्ज़ापुर में बहुजन समाज पार्टी को पहली बार जीत दिलाई थी, 2007 में आमचुनाव हुए जिनमें एक बार फिर से बसपा ने जीत दर्ज की, 2009 में एक बार फिर से यहां साइकिल दौड़ी लेकिन साल 2014 में यहां पर अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने चुनाव जीता। गौरतलब है कि अपना दल ने वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव और 2017 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था। लोकसभा में उसके दो सांसद और प्रदेश विधानसभा में उसके आठ विधायक हैं।
अनुप्रिया पटेल का लोकसभा में प्रदर्शन-
अनुप्रिया पटेल केन्द्रीय परिवार कल्याण और स्वस्थ्य राज्यमंत्री भी हैं, पिछले 5 सालों में लोकसभा में उनकी उपस्थिति 90 प्रतिशत रही है, इस दौरान उन्होंने 49 डिबेट में हिस्सा लिया है और 71 प्रश्न पूछे हैं, इसे आप अच्छा आंकड़ा नहीं कह सकते हैं। साल 2014 में इस सीट पर दूसरे नंबर पर बसपा, तीसरे नंबर पर कांग्रेस और चौथे पर सपा था। मिर्जापुर की 91 प्रतिशत आबादी हिंदू हैं और 7 प्रतिशत मुस्लिम, साल 2014 में यहां पर 17200661 मतदाताओं ने हिस्सा लिया था, जिसमें 54 प्रतिशत पुरुष और 45 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं। आगामी लोकसभा चुनाव में इस सीट पर अपना दल की जीत काफी हद तक इस बात पर भी निर्भर करेगी कि यहां अनुप्रिया पटेल ने कितना विकास कार्य किया है। वहीं दूसरी ओर विरोधी दल भी यहां जीतने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे लेकिन इस खेल में बाजी उसी के हाथ लगेगी जिसे जनता का प्यार और साथ मिलेगा और वो किसके साथ है, ये तो चुनाव परिणाम बताएगा।