लोकसभा चुनाव 2019- मधेपुरा लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: बिहार की मधेपुरा लोकसभा सीट से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव सांसद हैं। उन्होंने साल 2014 के चुनाव में ये सीट राष्ट्रीय जनता दल(राजद) की टिकट पर जीतकर अपने नाम की थी। मधेपुरा मंडलवादी राजनीति की प्रयोग भूमि रही है, अब इसे संयोग कहे या कुछ और क्योंकि साल 1967 में जब से मधेपुरा लोकसभा चुनाव क्षेत्र का गठन हुआ है, तब से अब तक यादव उम्मीदवार की ही जीत यहां होती आई है। मधेपुरा का इतिहास भी काफी दिलचस्प रहा है, पहले ये सहरसा जिले का एक अनुमंडल हुआ करता था लेकिन 9 मई 1981 को उदाकिशुनगंज अनुमंडल को मिलाकर इसे जिला का दर्जा दे दिया गया। मधेपुरा धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध जिला है। साल 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या 29,16,808 हैं, जिसमें पुरुषों की संख्या 8,99,271 और महिलाओं की संख्या 8,26,307 है।
मधेपुरा लोकसभा सीट में विधानसभा सीटें-
मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के अंतरगत 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिनके नाम हैं, आलमनगर, बिहारीगंज, मधेपुरा, सोनबरसा, सहरसा और महिशी। साल 1967 के पहले आम चुनाव में यहां से समयुक्ता सोशलिस्ट पार्टी ने विजय हासिल की थी और विन्धयेश्वरी प्रसाद मंडल यहां से सांसद बने थे। साल 1968 में भी उन्हें यहां से सफलता हासिल हुई लेकिन वो इस बार यहां निर्दलीय जीते थे, 1971 में यहां कांग्रेस को विजय मिली तो वहीं साल 1977 में एक बार फिर से भारतीय लोकदल के टिकट पर विन्धयेश्वरी प्रसाद मंडल यहां से लोकसभा पहुंचे थे, साल 1980 और 1984 में यहां पर कांग्रेस का राज रहा था लेकिन साल 1989 में यहां जनता दल ने कांग्रेस को पटखनी दी।
साल 1991 के चुनाव में यहां से जनता दल के टिकट पर शरद यादव लोकसभा पहुंचे और साल 1996 में भी उन्हें ही यहां दोबारा जीत नसीब हुई लेकिन साल 1998 के चुनाव में यहां से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बड़ी जीत दर्ज की लेकिन इसके अगले साल ही हुए चुनाव में शरद यादव ने लालू को हराकर अपनी हार का बदला ले लिया लेकिन साल 2004 के चुनाव में फिर पासा पलटा और लालू यहां से लोकसभा पहुंच गए लेकिन इसके बाद लालू को इस सीट से इस्तीफा देना पड़ा जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए जिसमें राजद के राजेश रंजन यानी की पप्पू यादव सफल हुए लेकिन साल 2009 में एक बार फिर शरद यादव यहां के सरताज बने लेकिन साल 2014 में पप्पू यादव ने 56 हजार 209 वोटों से शरद यादव को पराजित कर दिया।
पप्पू यादव का लोकसभा में प्रदर्शन
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच सालों के दौरान लोकसभा में सांसद पप्पू यादव की उपस्थिति 75 प्रतिशत रही है तो वहीं इस दौरान उन्होंने 219 डिबेट में हिस्सा लिया है और 331 प्रश्न पूछे हैं। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर जेडीयू नंबर 2 पर, भाजपा नंबर तीन पर और बीएसपी नंबर 4 पर रही थी। उस साल यहां पर मतदाताओं की संख्या 17 लाख 25 हजार 578 थी, जिसमें से मात्र 10 लाख 34 हजार 799 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 5 लाख 8 हजार 914 और महिलाओं की संख्या 5 लाख 25 हजार 885 रही थी। मधेपुरा की 87 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की और 12 प्रतिशत मुस्लिमों की है।
मौजूदा सांसद पप्पू यादव 2014 में राजद की टिकट पर विजयी हुए थे लेकिन उन्होंने राजद छोड़ अब अपनी नयी पार्टी बना ली है, तो वहीं दूसरे स्थान पर रहे जदयू उम्मीदवार शरद यादव की अब अपनी पार्टी है जिसके कारण इस बार का मुकाबला रोमांचक स्तर पर पहुंच गया है, जहां राजद की पूरी कोशिश इस सीट पर वापस अधिकार पाने की होगी वहीं दूसरी ओर जेडीयू हर हालत में अपनी हार का बदला लेना चाहेगा लेकिन इन सबके बीच पप्पू यादव की पोजिशन क्या होगी इस पर भी सबकी नजर होगी।